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समन्वयी sentence in Hindi

pronunciation: [ samanvayi ]
समन्वयी meaning in English

Examples

  1. गौर करने की बात है कि प्रभाष जी की समन्वयी, मानवीय और उदार दृष्टि उनकी तीक्ष्ण-धारदार कलम पर हमेशा ही हावी भी इसी कारण रहती है, क्योंकि उसके केंद्र में मनुष्य है, न्याय है।
  2. ऐसी विश्व-प्रभावी भाषा को “ मृत भाषा ” घोषित करने का प्रयास कर, एक सर्व हितकारी, सर्व समन्वयी, विचारधारा को क्षीण करने का प्रयास किन बलों के संकेत पर किया जा रहा है?
  3. साहित्य का उद्देश्य भावनाप्रधान मनुष्य को परिष्कृत, उन्नत, उदार, सहिष्णु, समझदार, सहयोगी, समन्वयी, सहकारी, सजग, सहज तथा सरल बनाकर स्वार्थ से सर्वार्थ की ओर अग्रसर करना है.
  4. राज्य स्तर परअधिकांश मामलों में राज्य उपभोक्ता सहकारी संघो को समन्वयी अभिकरणनियुक्त किया गया है और कुछ राज्यों में राज्य सहकारी संघो के अलावाआदिवासी विकास निगम तथा नागरिक पूर्ति निगम भी राज्य स्तर पर समन्वयीअभिकरण का कार्य कर रहे है.
  5. और इसलिए जिनको हम मीडियाकर कहें-जो न पापी होते हैं, न पुण्यात्मा होते हैं, जो बड़े समन्वयी होते हैं, जो थोड़ा पाप कर लेते हैं, थोड़ा पुण्य करके बैलेंस करते रहते हैं-ऐसे लोगों की जिंदगी में क्रांति मुश्किल से घटित होती है, क्योंकि कंट्रास्ट नहीं होता।
  6. योजक be के विपरीत, jump क्रिया का, आधार, सामान्य गैर-भूत, और प्रथम एकवचन गैर-भूत रूप में (जहां योजक में क्रमशः be, are, am, है) समान समन्वयी शब्द-रूप आधार jump है, और समान समन्वयी शब्द-रूप आधार jumped-en, सामान्य भूत, और 1st/3rd sg. भूत रूप (जहां योजक में क्रमशः been, were, was के लिए है).
  7. योजक be के विपरीत, jump क्रिया का, आधार, सामान्य गैर-भूत, और प्रथम एकवचन गैर-भूत रूप में (जहां योजक में क्रमशः be, are, am, है) समान समन्वयी शब्द-रूप आधार jump है, और समान समन्वयी शब्द-रूप आधार jumped-en, सामान्य भूत, और 1st/3rd sg. भूत रूप (जहां योजक में क्रमशः been, were, was के लिए है).
  8. जब हम क्षैतिज योजना को मन्दिर की भित्तियों पर लगी हुई विभिन्न मिथुन मूर्तियों से मिला कर देखते हैं तो आदित्य पूजा के साथ साथ मन्दिर के तांत्रिक अनुष्ठान केन्द्र होने में कोई शंका नहीं रह जाती और न राजा के समन्वयी महत्त्वाकांक्षा के बारे में जिसे रूप दे कर वह पुरुषोत्तम (वर्तमान जगन्नाथ) के समांतर ही एक और अनूठा आराधना केन्द्र विकसित करना चाहता था।
  9. मूल्यों की समष्टि और स्रोत-उन का जो भी रूप आप को ग्राह्य हो) के प्रति समर्पित, सेवाप्रधान, परहित निरत, आधि-व्याधि-उपाधि रहित जीवन, मन, वाणी और कर्म की एकता, उदार, परमत सहिष्णु, सत्यनिष्ठ, समन्वयी दृष्टि, अन्याय के प्रतिरोध के लिए वज्र-कठोर, प्रेम-करुणा के लिए कुसुम कोमल चित्त, गिरे हुए को उठाने और आगे बढने की प्रेरणा और आश्वासन, भोग की तुलना में तप को प्रधानता देने वाला विवेकपूर्ण संयत आचरण, दारिद्रय मुक्त, सुखी, सुशिक्षित, समृद्ध समतायुक्त समाज, साधुमत और लोकमत का समादर करनेवाला प्रजाहितैषी शासन-संक्षेप में यही आदर्श प्रस्तुत किया है, तुलसी की 'मंगल करनि, कलिमल हरनि‘-वाणी ने।
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