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विषादमय sentence in Hindi

pronunciation: [ visadamaya ]
विषादमय meaning in English

Examples

  1. मंगलसिंह गिरधारी की खाट पर बैठे रुपये गिन रहे थे और गिरधारी बैलों के पास विषादमय नेत्रों से उनके मुँह की ओर ताक रहा था।
  2. थी कच्ची बुद्धि मेरी औरकिताबी समझ भी थीतभी तो उसका जीवन निरा विषादमय लगा था...जहाँ बलिदान स्व का और केवल दुःख ही दुःख थाजहाँ न लक्ष्य या कोई दिशा थी..
  3. ज़बां का खामोश होना सारे प्रयासों को विफ़ल कर हर बार दाग देता अपने ही जि़स्म में अनेको शब्द बाण आहत हो मन खुद की शैय्या तैयार कर विचलित सा अंत की प्रतीक्षा में अनंत पलों का संहार कर विषादमय हो बस प्रतीक्षा करता है अंत की अनंत पलों तक '
  4. चलती रहूंगी हे चाँद, देखो छिपा लिया है मैंने तुम्हे अपने झोले में, भेजने को दूर किसी लोक में, अब हो तुम बस मेरे मेहमान, अब न होगी रजनी विषादमय, उसकी कालिमा से क्लांत हृदय कुछ क्षण तो निहारेगा सूर्य की आभा को, फि र...
  5. ज़बां का खामोश होना सारे प्रयासों को विफ़ल कर हर बार दाग देता अपने ही जि़स् म में अनेको शब् द बाण आहत हो मन खुद की शैय्या तैयार कर विचलित सा अंत की प्रतीक्षा में अनंत पलों का संहार कर विषादमय हो बस प्रतीक्षा करता है अंत की अनंत पलों तक
  6. किंतु उसी क्षण वह गरीबिनी, अति विषादमय जिसके मँहपर, घुने हुए छप्पर की भीषण चिंता के हैं घिरे वारिधार, जिसका नहीं सहारा कोई, आ जाती है दृग के भीतर, मेरा हर्ष चला जाता है एक आह के साथ निकल कर (स्वप्न) प्रतिक्षण नूतन भेष बनाकर रंगबिरंग निराला।
  7. जो लोग सिल्क की कहानी में औरत की आज़ादी की महानता खोज रहे हैं और सिल्क के विषादमय जीवन को विजय और संघर्ष की महान गाथा बना देने पर तुले हैं उन्हें शायद अंदाज़ा नहीं है कि भारत ही नहीं विश्व की कई देशों की स्त्रियॉं के लिए ऐसे संघर्ष महानता का नहीं मजबूरी का नाम हैं।
  8. पेन हर समय अपने ज़िंदा बच जाने का अपराधबोध दर्शाता है और अपनी स्थिति को विरोधाभासी बना लेता है-हालांकि वह अपनी ज़िन्दगी का ख़ात्मा “एक न्यूयॉर्क् मिनट” में होना ही मानता है, लेकिन दुनिया के प्रति उसके नितांत विषादमय और अंधकारमय दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करते उसके आतंरिक एकालाप के बावजूद उसमें एक तीव्र जिजीविषा है.
  9. [5] पेन हर समय अपने ज़िंदा बच जाने का अपराधबोध दर्शाता है और अपनी स्थिति को विरोधाभासी बना लेता है-हालांकि वह अपनी ज़िन्दगी का ख़ात्मा “एक न्यूयॉर्क् मिनट” में होना ही मानता है, लेकिन दुनिया के प्रति उसके नितांत विषादमय और अंधकारमय दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करते उसके आतंरिक एकालाप के बावजूद उसमें एक तीव्र जिजीविषा है.
  10. -जीवन में तनाव आते हैं और कई बार परिवार की कई अप्रिय स्थितियों के कारण मन अप्रसन्न या विषादमय रहता तो ऐसे समय में अपनी मनस्थिति का उल्लेख करते हुए अवकाश स्वीकृत करवा लें | जिससे ऐसे हालात में सरकारी काम में किसी प्रकार की गलती नहीं हो | इसके बावजूद भी जब भी आपसे जाने-अनजाने कोई गलती या भूल हो जाये तो उसके बारे में सभी कारणों तथा उन परिस्थितियों को दर्शाते हुए, जिनके कारण ऐसा हुआ अपने बॉस को लिखित में अवगत करा दें |
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