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मानव शारीर sentence in Hindi

pronunciation: [ manav sharir ]
मानव शारीर meaning in English

Examples

  1. अगर भूकंप तेज हो जाये, प्राकृतिक उठापटक तेज और निरंतर होने लगे इस क्षेत्र में, तो आप मुझे! इस मानव शारीर धारी साधारण ब्यक्ति को जरुर याद कर लीजियेगा....
  2. वो दिव्ये स्थान जहाँ पर चिता पर मृत मानव शारीर जल कर काठमांडू की वायु में शिव का दर्शन कराता हैं तो दूसरी और वो शम्भू को आवाज लगाता (माओवादियो को मुह चिडाता) आधुनिक वैदिक हिन्दू।
  3. वैसे भी दूध कोई पीने लायक चीज़ तो है नहीं, नवजात शिशु को छोड़ मानव शारीर में दुग्ध शर्करा लेक्टोज़ का अपघटन करने वाला एंज़ाइम लेक्टोज़ पाया ही नहीं जाता, इस लेख को पढें और इसे.
  4. और मानव शारीर भी इश्वर की ओर से उसे दिया गया एक सर्वोपरि उपहार हैं हम मैसे अधिकाश इस उपहार की गरिमा के प्रति सचेत रहते हैं वही अनेको ऐसे हैं जो इसे एक प्रकार का मान कर चलते हैं की जब जो होगा वह होता जायेगा
  5. आदिवासी समुदाय में स्वर्ग और नरक की प्राप्ति का कोई आस्था नहीं होता है, क्योंकि हम अच्छी तरह जानते हैं की मानव शारीर आत्मा और परमात्मा के मेल से बना है, एक तो माटी का शारीर और एक आत्मा (रोवा), जो अजर-अमर होता है।
  6. महाराज श्री जी दूसरे शब्द में सुजान को चेतावनी देते है कि मानव जन्म बार-बार नहीं मिलता | जब जीव के पूर्व जन्मो के पुण्य एकत्रित होते हैं तब इस जीव को मानव शारीर मिलता है और जन्म तो कर्मानुसार मिलते ही रहते है परन्तु मनुष्य जन्म दुर्लभ है यथा:-
  7. वाकई, पवत्र शास्त्र में एक लेखक ने इसकी व्याख कुछ इस प्रकार की है “हे परमेश्वर में तेरी स्तुति करता हूँ की तुने मुझे कितने अद्भुद रीती से रचा/बनाया है” मानव शारीर की रचना/निर्माण और परमेश्वर की योगना अनुसार इनमे मौजूद एकदम सटीक संतुलन बेशक यह एक आश्चर्यजनक बात है | मानव शारीर में पाए जाने वाले कुछ अद्भुद बातें जानवरों में भी पाए जाते है| लेकिन, मानव शारीर के भीतर आत्मा (
  8. वाकई, पवत्र शास्त्र में एक लेखक ने इसकी व्याख कुछ इस प्रकार की है “हे परमेश्वर में तेरी स्तुति करता हूँ की तुने मुझे कितने अद्भुद रीती से रचा/बनाया है” मानव शारीर की रचना/निर्माण और परमेश्वर की योगना अनुसार इनमे मौजूद एकदम सटीक संतुलन बेशक यह एक आश्चर्यजनक बात है | मानव शारीर में पाए जाने वाले कुछ अद्भुद बातें जानवरों में भी पाए जाते है| लेकिन, मानव शारीर के भीतर आत्मा (
  9. वाकई, पवत्र शास्त्र में एक लेखक ने इसकी व्याख कुछ इस प्रकार की है “हे परमेश्वर में तेरी स्तुति करता हूँ की तुने मुझे कितने अद्भुद रीती से रचा/बनाया है” मानव शारीर की रचना/निर्माण और परमेश्वर की योगना अनुसार इनमे मौजूद एकदम सटीक संतुलन बेशक यह एक आश्चर्यजनक बात है | मानव शारीर में पाए जाने वाले कुछ अद्भुद बातें जानवरों में भी पाए जाते है| लेकिन, मानव शारीर के भीतर आत्मा (
  10. बना ने को, निमित बनायी गोली, पहली बार देखि ऐसी निमित मात्र गोली हम जैसे उसको भी पता नहीं, क्यों आई थी वो गोली, हमारे जैसे प्रेम के बस, खिची चली आई गोली, इसी लिए देखो दर्शन लाइन में, कैसी घुसी गोली, पहली बार देखि ऐसी घुसमारू गोली आश्रम वाले समज न पाए, भक्त थी वो गोली, दुसरे भक्त को धक्का मर के, दरसन को निकली गोली, मानव शारीर होता उसका, जरुर
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