भूगणित sentence in Hindi
pronunciation: [ bhuganit ]
Examples
- इसके साथ ही भूगणित के अन्दर भूगतिकीय (geodynamical) घटनाओं (जैसे ज्वार-भाटा, ध्रुवीय गति तथा क्रस्टल-गति आदि) का भी अध्ययन किया जाता है।
- या विज्ञान या इंजीनियरिंग में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से समकक्ष (जैसे कि गणित, भौतिक विज्ञान, सूचना विज्ञान, मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, भूगणित
- यह कृषि, वानिकी, बागवानी, जीव विज्ञान, पशु प्रजनन, पशु चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण, जैव प्रौद्योगिकी, भूगणित, पर्यावरण इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, खाद्य प्रौद्योगिकी, वस्तु विज्ञान, प्रौद्योगिकी...
- भूगणित (Geodesy or Geodetics) भूभौतिकी एवं गणित की वह शखा है जो उपयुक्त मापन एवं प्रेक्षण के आधार पर पृथ्वी के पृष्ठ पर स्थित बिन्दुओं की सही-सही त्रिबिम-स्थिति (three-dimensional postion) निर्धारित करती है।
- इसमें शामिल होने वाली शाखाएं हैं: भूकम्प विज्ञान (भूकंप और लोचदार लहरें), ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण, भूगणित), टेक्टोनोभौतिकी (ग्रहों में भू-विज्ञानं से संबंधित प्रक्रियाएँ), खनिज भौतिकी और अन् य.
- इंजीनियरिंग सर्वेक्षण और भूगणित में एमएससी इस पाठ्यक्रम में छात्रों को जो समझ और उपकरणों और तकनीकों के सर्वेक्षण की एक किस्म के सिद्धांतों और अनुप्रयोगों का कार्यसाधक ज्ञान का विकास चाहते हैं के लिए बनाया गया है.
- अब भूभौतिकी के निम्नलिखित लगभग दस उपविभाग है: (ग्रह विज्ञान), वायुविज्ञान, मौसम विज्ञान, जलविज्ञान, समुद्र विज्ञान, भूकंप विज्ञान, ज्वालामुखी विज्ञान, भूचुंबकत्व, भूगणित और विवर्तनिक भौतिकी (Tectonic physics) ।
- भूभौतिकी की अन्य शाखाओं की सहायता से भूगणित द्वारा भूपटल की बनावट और संलग्न अध: स्तर (substrata) की बनावट का अध्ययन किया जाता है सम्यक् भूमापन (mapping) और चार्ट निर्माण के लिये आवश्यक मापन और परिकलन करना भूगणित का व्यावहारिक उद्देश्य है।
- भूभौतिकी की अन्य शाखाओं की सहायता से भूगणित द्वारा भूपटल की बनावट और संलग्न अध: स्तर (substrata) की बनावट का अध्ययन किया जाता है सम्यक् भूमापन (mapping) और चार्ट निर्माण के लिये आवश्यक मापन और परिकलन करना भूगणित का व्यावहारिक उद्देश्य है।
- भूगणितीय सर्वेक्षण के इन विभिन्न पहलुओं के कारण भूगणित के विस्तृत अध्ययन क्षेत्र में अब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का, भूमंडल पृष्ठ समाकृति पर इसके प्रभाव का और पृथ्वी पर सूर्य तथा चंद्रमा के गुरुत्वीय क्षेत्रों के प्रभाव का अध्ययन समाविष्ट है।