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बेइरादा sentence in Hindi

pronunciation: [ beirada ]
बेइरादा meaning in English

Examples

  1. बेकरारी पे हमारी किन ख्यालों में ये गुम हो देखने दो फूल ज्यादा खूबसूरत हैं कि तुम हो आज छेड़ा जो हवा ने सिमटी जाती हैं ये बाहें जाने क्या है बेइरादा झुकती जाती हैं निगाहें
  2. वर्ष 2003 में, कुछ सरल व्यक्ति एक (और) और सामान्य मानवीय कौशल चुनौतियों का समाधान करने के लिए बेइरादा स्पैम संदेश भेजने के लिए अन्य लोगों की मदद इंसानों की भर्ती की विधि उल्लसित प्रभावी पाया.
  3. हतप्रभ। बेइरादा, यूं ही भटकते वक्त, झुरमुट के बीच से दबे पांव एक जानी-पहचानी खुशबू आई और सांसों में घुल गई, जैसे किसी ने लताओं का जाल हटाकर दिल पर हौले-से दस्तक दे दी।
  4. आयोजन-स् थल से लौट आने के बाद इतना जरूर याद रहा कि उन हंसती आंखों को धारण करने वाली वह सूरत आम नहीं थी और न वह नजर ही इतनी बेइरादा, जो देर तक पीछा करती रह गई थी।
  5. रास्ते में बेइरादा अरे उनसे नज़र मिल गयी-(स्वर-???) 2. उई समा (रामा???) ज़ुल्म हुआ ज़ुल्मी नज़र दिल मार गयी-(स्वर-???) 3. जाने और अंजाने आज कहीं दीवाने घूमने निकले-सुमन कल्याणपुर, महेन्द्र कपूर 4.
  6. (१) एक तो ये कि उनका मंतव्य कुछ और है (२) दूसरा ये कि शायद उन्होंने बेइरादा ही लिख डाला हो! अब अगर पहली बात सही हो तो इसे भूल जाइए क्योंकि ब्लागों को निशाने पर रखकर नियोजित लेखन ब्लागों की सामर्थ्य और लेखिका के भय का अहसास कराता है:)
  7. मात्रा कहानी मन की भावनाओं की एक ऐसी अभिव्यक्ति है, जिस में कल्पना की चिड़िया चाहे जिस जंगल और उपवन में भटक ले, लेकिन कहानी रूपी वृक्ष की जिस शीर्ष टहनी पर सुस्ताने बैठती है, वहाँ से उसकी बेइरादा टपकने वाली बीट के अचेतन में व्याप्त सत्य का रंग साफ दिखाई देता है।
  8. आवारगी के साथ भटकती रही जिन्दगी रात तन्हाई में सिसकती रही जिन्दगी किसी पथरीली राह में मोहब्बत बनकर नरम शोलों सी पिघलती रही जिन्दगी बोझिल कदमो से बेइरादा मंजिलों पर कभी चली तो कभी रुकी सी रही जिन्दगी किसी ने आवाज दी जरा जो प्यार से उस ओर दीवानावार चलती रही जिन्दगी दोस्तों की रहनुमाई हर मौज के साथ साथ बस ख्वावों से ही बहलती रही जिन्दगी उधार की चंद कालिया चुनकर भी देखो बीच आंसुओ के भी महकती रही जिन्दगी
  9. मेरे दिल का पता तुम्हें किसने दियाक्या तुम भी अकेले थे मेरी तरहजानम जानम ओ जानम मेरी जानमतेरे दिल का पता मेरे दिल ने दियाहाँ हम भी अकेले थे तेरी तरहजानम जानम...मैं अकेला जी रहा था जीवन बेइरादा थान किसी से थी मुहब्बत न कोई भी वायदा थातुम मेरी राह में जाने कब आ गयेक्या तुम भी अकेले...ज़िंदगी के ये हसीं पल बस यूं ही गुज़र जातेऔर कुछ दिन जो तुम्हें हम न मिलते तो मर जातेवायदा है ये मेरा तुमसे क्या है छुपाहाँ हम भी अकेले...
  10. पिघलती रही जिन्दगी आवारगी के साथ भटकती रही जिन्दगी रात तन्हाई में सिसकती रही जिन्दगी किसी पथरीली राह में मोहब्बत बनकर नरम शोलों सी पिघलती रही जिन्दगी बोझिल कदमो से बेइरादा मंजिलों पर कभी चली तो कभी रुकी सी रही जिन्दगी किसी ने आवाज दी जरा जो प्यार से उस ओर दीवानावार चलती रही जिन्दगी दोस्तों की रहनुमाई हर मौज के साथ साथ बस ख्वावों से ही बहलती रही जिन्दगी उधार की चंद कालिया चुनकर भी देखो बीच आंसुओ के भी महकती रही जिन्दगी तमाम शब कतरा कतरा पिघलती रही तमाम शब्
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