बल प्रदर्शन sentence in Hindi
pronunciation: [ bal pradarshan ]
Examples
- जब कलम छोड़ कोई साहित्यकार शारीरिक बल प्रदर्शन द्वारा अपनी बात मनवाना चाहे तो वह यह दर्शाता है कि उसके अंदर संवेदनाएँ, अनुभूतियाँ समाप्त हो आतंकवादी सोच और हिंसक प्रवृत्ति प्रमुख हो गई है, अत: वह साहित्यकार कहलाने के काबिल नहीं है।
- इसी समय शेखावाटी और उदयपुरवाटी के भौमियों, जिसमें भोड्की और गुढ़ा के भौमिये प्रमुख थे, ने मिलकर भोडकी में इकट्ठे होकर एक बड़ा भारी सशस्त्र बल प्रदर्शन किया और तहसीलदार, नाजिम व पुलिस के अधिकारियों का मुकाबला किया.
- मैं उन दिनों कवि होना चाहता था जबकि वो समय छापामारी तरीके से पाठक जुटाने का था हर कवि अथवा इस अभिलाषा से पीड़ित कहीं से भी कम से कम दो अपने समर्थक दायें बाएँ जुटा लेना चाहता था ताकि अगले कवि सम्मलेन में वह अपने अनुयाईयों के साथ पहुँच कर कविता का बल प्रदर्शन कर सके।
- स्त्रियाँ यदि अपने सद् भाव से इसे दूर करने की कोशिश करें तो बल प्रदर्शन से मिलने वाले परिणामों से अधिक अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, किंतु यहाँ भी जिस पुरुष में आत्मिक परिवर्तन लाना हो, उसके आत्मिक बल का सौ गुना आत्मिक बल उसमें होना चाहिए जो परिवर्तन लाने की चेष्टा कर रहा हो।
- विनोद मिश्र जैसे क्रांतिकारी विचारक के विचार का संवहन करनेवाली जन संस्कृति बनारस मंे सांप्रदायिक एवं पुनरोत्थानवादी सत्ता व रचनाशीलता से संबद्ध विद्यानिवास मिश्र की बासमती गंधी श्राद्धोत्सव संस्कृति में सक्रिय भूमिका निभाती हो तथा बुद्धि दर्शन से ज्यादा बल प्रदर्शन में भरोसा करती हो वहां प्रेमचंद के सांप्रदायिकता संबंधी चिंतन के लिए कोई जगह नहीं बचती है।
- दूसरा मुर्गा, जो विजेता है, वह दर्शकों से घिरे गोलाकार मैदान में इस अंदाज में घुमाया जाता है, जैसे टीवी पर आनेवाले वर्ल्ड फाइट शो में एक मुक्केबाज दूसरे को परास्त कर अपनी भुजाओं और बाहों को दिखाता हुआ घूमता है या फिर कुश्ती के अखाड़े में कोई पहलवान, दूसरे को चित्त करने के बाद छाती चौड़ी कर खुले बदन खुद का बल प्रदर्शन करता है.
- आयेदिन हो रहे राजनैतिक विरोध स्वरूप नेताओं के पुतला दहन के आयोजन, गाँव व शहर बंद के आयोजन, काले झंडे दिखाने के आयोजन, मांग व विरोध स्वरूप बल प्रदर्शन के आयोजन, रेल रोको आयोजन, चक्काजाम, इत्यादि ऐसे ढेरों राजनैतिक कार्यक्रम हैं जिनमें या जिनके दौरान हिंसात्मक घटनाएँ देखी जा सकती हैं, इस दौरान होने वाली हिंसात्मक घटनाओं के स्वरूप छोटे न होकर अक्सर विशाल ही देखे गए हैं तथा जिनके परिणामस्वरूप लाखों व करोड़ों की व्यक्तिगत व राष्ट्रीय संपत्ति आगजनी, लूटपाट व तोड़फोड़ के द्वारा स्वाहा हो जाना बेहद आम है।