×

प्रतिपक्षता sentence in Hindi

pronunciation: [ pratipaksata ]
प्रतिपक्षता meaning in English

Examples

  1. अन्त में मैं यही समझ सका कि भूतद्रव्य और चेतना की प्रतिपक्षता अगर निरपेक्ष हो जाय तो हमें दोनों का अलग और स्वतंत्र अस्तित्व स्वीकारना होगा और पुन: हम अवैज्ञानिक और भाववादी विचारधारा की ओर पहुँच जाएंगे।
  2. यह प्रतिपक्षता दर्शन के बुनियादी सवाल के संदर्भ में ही सार्थक है, यानि जब हमें यह जानने में दिलचस्पी होती है कि इनमें से कौन प्राथमिक है, चेतना भूतद्रव्य से कैसे संबधित है और क्या यह हमारे परिवेशीय जगत को जान सकती है।
  3. चूंकि मन, मनुष्य के भौतिक क्रियाकलाप में, काम में, भाषा संबंधी क्रियाकलाप आदि में प्रकट होता है, इसलिए भूतद्रव्य और चेतना की, दैहिक और मानसिक की प्रतिपक्षता तथा एक का दूसरे से पूर्ण बिलगाव, चेतना तथा अन्य मानसिक घटनाओं के वैज्ञानिक अध्ययन में ही बाधक होगा।
  4. इसलिए यह कहा गया है कि प्राथमिकता तय करते वक़्त हम इनकी प्रतिपक्षता के स्वरूप पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, और इसके भूतद्रव्य के पक्ष में हल होने के पश्चात, फिर इनकी इस प्रतिपक्षता के आपसी संबंधों, सापेक्षता और इनके अंतर्द्वंदों को समझते हैं और इनकी इस सापेक्षता (relativity) के साथ ही मानसिक प्रक्रियाओं को समझने के प्रयास किए जाने चाहिए।
  5. इसलिए यह कहा गया है कि प्राथमिकता तय करते वक़्त हम इनकी प्रतिपक्षता के स्वरूप पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, और इसके भूतद्रव्य के पक्ष में हल होने के पश्चात, फिर इनकी इस प्रतिपक्षता के आपसी संबंधों, सापेक्षता और इनके अंतर्द्वंदों को समझते हैं और इनकी इस सापेक्षता (relativity) के साथ ही मानसिक प्रक्रियाओं को समझने के प्रयास किए जाने चाहिए।
  6. इस बात को समझने के लिए कि, ‘ चेतना द्वितीयक और भूतद्रव्य से व्युत्पन्न है, कि चेतना वस्तुतः भूतद्रव्य के दीर्घकालिक विकास का उत्पाद है ', इनकी इस प्रतिपक्षता को उभार कर, कुछ समय के लिए इनकी सापेक्षता को भुला कर (क्योंकि इनकी सापेक्षता या प्रतिपक्षता चेतना की उत्पत्ति के बाद की चीज़ है), इनकी प्राथमिकता की समस्या को हल किया जा सकता है।
  7. इस बात को समझने के लिए कि, ‘ चेतना द्वितीयक और भूतद्रव्य से व्युत्पन्न है, कि चेतना वस्तुतः भूतद्रव्य के दीर्घकालिक विकास का उत्पाद है ', इनकी इस प्रतिपक्षता को उभार कर, कुछ समय के लिए इनकी सापेक्षता को भुला कर (क्योंकि इनकी सापेक्षता या प्रतिपक्षता चेतना की उत्पत्ति के बाद की चीज़ है), इनकी प्राथमिकता की समस्या को हल किया जा सकता है।
  8. यानि कि ‘ भूतद्रव्य और चेतना के अंतर्संबंधों को तय करते वक़्त ', इनकी प्राथमिकता को तय करते समय, ‘ वस्तुगत और आत्मगत एक दूसरे के प्रतिपक्ष में स्पष्टतः खड़े होते हैं ', इनकी इसी प्रतिपक्षता के स्वरूप पर समग्र ध्यान केंद्रित किया जाता है चूंकि, ' इसी से यह दर्शाया जा सकता है कि चेतना द्वितीयक और भूतद्रव्य से व्युत्पन्न है, कि चेतना वस्तुतः भूतद्रव्य के दीर्घकालिक विकास का उत्पाद है।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.