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पर्वतशिखर sentence in Hindi

pronunciation: [ parvatashikhar ]
पर्वतशिखर meaning in English

Examples

  1. कैसे पहुंचे तुम यहाँ इस ज़ीरो प्वाइंट पर? कैसे पहुंचे यहाँ आख़िरकार तुम कहाँ छोड़ आए हमारी लालटेनें, हमारे पर्वतशिखर? क्या तुमने कभी नहीं देखी बिल्ली की आँखें? क्या हमने एक पंक्ति का पीछा किया उसके अंत तक? तब भी तुम चल देते हो यहाँ से
  2. पहले चरण में चार अप्रैल से 16 अप्रैल तक जापान ने कोहिमा पर्वतशिखर पर कब्जा करने का प्रयास किया गया, दूसरे चरण में 18 अप्रैल से 22 जून तक ब्रिटिश और भारतीयों ने जापानियों के कब्जे को समाप्त करने के लिए जवाबी हमले किए, युद्ध 22 जून को समाप्त हुआ.
  3. पहले चरण में चार अप्रैल से 16 अप्रैल तक जापान ने कोहिमा पर्वतशिखर पर कब्जा करने का प्रयास किया गया, दूसरे चरण में 18 अप्रैल से 22 जून तक ब्रिटिश और भारतीयों ने जापानियों के कब्जे को समाप्त करने के लिए जवाबी हमले किए, युद्ध 22 जून को समाप्त हु आ.
  4. इस संसार में मनुष्य चाहे गुहा में रहे, या घर में, बाहर, अथवा वन में, या पर्वतशिखर में, जल में अग्नि समीप, चाहे कहीं भी रहे, किसी स्थान विशेष में रहने का थोड़ी कोई महत्त्व है, महत्त्व की बात तो यह है, कि जिसका अन्त:करण भी सर्वदा आपके चरणकमलों में लगा रहता है, वस्तुत: वही यानी, परमयोगी और सबसे अध्कि सुखी है।
  5. जैसे पशु हरी-हरी लतारूप फल की प्राप्ति की इच्छा से ही पर्वतशिखर से गिर पड़ता है, वैसे ही उत्कृष्टभोगशाली पुरुषों का पद (समता या राज्य, धन आदि) प्राप्त करने की इच्छा करने वाला पुरुष राग, लोभ आदि से मूढ़ अर्थात् प्रचुर राग और लोभ से अभिभूत अपने चित्त से आहत होकर पूर्वावस्था में ही पतनरूप गर्त में गिर जाता है, इसमें कुछ भी सन्देह नहीं है।
  6. हे शम्भो! इस संसार में मनुष्य चाहे गुहा में रहे, या घर में, बाहर, अथवा वन में, या पर्वतशिखर में, जल में अग्नि समीप, चाहे कहीं भी रहे, किसी स्थान विशेष में रहने का थोड़ी कोई महत्त्व है, महत्त्व की बात तो यह है, कि जिसका अन्त: करण भी सर्वदा आपके चरणकमलों में लगा रहता है, वस्तुत: वही यानी, परमयोगी और सबसे अध्कि सुखी है।
  7. कुम्भकर्ण को पीछे छोडा पहाडों की छाँव मैं भी फूल हैं खिलते पर्वत विशाल तो वन्दनीय हैं होते, जन मानस को नत्मस्तक करते | अपने गर्भ मैं कितने ही रत्न समेट, जन-जीवन का आधार कह लाते | हिम्पात को नित तन पर सह कर, निर्मल नदियों का सोत्र बन जाते | बर्फीले तूफानों के थपेडों मैं डटकर, हमारे सीमाओं के प्रहरी कहलाते | इन्ही कारणों से सब प्रभावित होकर, सपने शिखर पहुँचने के सँजोते | रीति है पर्वतशिखर पर पताका फिराकर, जग वंदना के पात्र बनजाते ||
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