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परिलक्षण sentence in Hindi

pronunciation: [ parilaksan ]
परिलक्षण meaning in English

Examples

  1. शोपेनहार के मन से इसी कारण पूर्व के देशों में एक निराशावाद और दुखवाद का जन्म हुआ, जिसके परिलक्षण थे संसार का त्याग, संन्यास, साधु जीवन, शरीर को कष्ट देना और इच्छाओं के दमन की अप्राकृतिक और अमनोवैज्ञानिक प्रवृति।
  2. |अपने सारतत्व में यह देश की केन्द्रीय व् प्रांतीय सरकारों द्वारा “हडप-नीति ” के वर्तमान दौर का परिलक्षण है | फिर याद रखना चाहिए कि वर्तमान दौर का भूमि अधिग्रहण भी साम्राज्यी विश्व व्यवस्था के निर्देशों के अनुसार चलाया जा रहा है
  3. दूसरी बात यह कि इस लेख की किन्ही भी विशिष्टताओं, भाषा अथवा शैली आदि को मास्टर साहब के आशीर्वाद, उनके परिश्रम एवं उनके द्वारा दी गयी शिक्षा के सह्स्त्रांश का परिलक्षण ही माना जाय और त्रुटियों को मेरा अपना दोष समझा जाय।
  4. शायद इन चुनाव परिणामो ने हिंदुस्थान मे 2030 के बाद से होने वाले चुनाओं एवं राजनीतिक परिदृश्य का एक परिलक्षण भी दिया है, वो ये है की अब आने वाले दो दसको मे भले ही राजीनीतिक पार्टियां दर्जनो हो मगर विचारधारा और गठबंधन सिर्फ दो ही होंगे ।
  5. कुछ विशिष्ट बातें इस लेख में लगीँ-घटनाक्रम का चित्रण, अपने और अन्य व्यक्तियों के मनोभावों का सटीक विवरण, दार्शनिकता का परिलक्षण और अंत में सहज तरीके से विज्ञान के सिद्धांतों की व्याख्या! समय की सापेक्षता के सिद्धांत को आईंस्टीन ने भी तो एक सरल उदाहरण से समझाया था।
  6. शिथिलता की चरम सीमा पर पहुंचने की गंभीर गलतफहमी और कलंक के कारण शिथिलकों को मदद मांगने या सहारे का एक समझदार स्रोत ढूंढने में प्रायः बहुत कष्ट होता है. मनोवैज्ञानिकों को ज्ञात लक्षणों में से एक लक्षण कार्य-विमुखीपन है जिसका मात्र आलस्य, इच्छा-शक्ति के अभाव या महत्वाकांक्षा में कमी के रूप में प्रायः गलत परिलक्षण किया जाता है.
  7. इसके भी आगे इन अपराधों के मूल का विश्लेषण भी चाहिये और यह भी कि समाज की कौन सी ऐसी विषमताएं, अनपेक्षित महत्वाकांक्षाएं है जो ऐसे अमानुषिक व्यवहार की पृष्ठभूमि बनाती हैं और क्या इन मूल विसंगतियों निवारण सम्भव है अब? जब तक हमारे विचारों और कृत्यों में भी उच्च जीवन मूल्यों का परिलक्षण नहीँ होगा, इस प्रकार की विषमताएं व इनके आधारभूत कारण बने ही रहेंगे।
  8. क्षमा किसी के भी ह्रदय परिवर्तन का प्रतिफल होना चाहिए ; गले पड़ी मुसीबतों, मूर्खों और मवालियों से पीछा छुड़ाने की गरज का परिलक्षण नहीं | इन दिनों तो हमारे लोकतंत्र का काम ही माफ़ी मंगवाना या प्रतिबंध लगवाना रह गया है | हालत यह है कि साधारण तथ्यों से भी लोगों की भावनाएं आहात हो जाती हैं | अगर आप कह दें की “ सूरज पूरब से निकलता है ” तो देश में हंगामा हो जाएँ | कहना चाहिए “ सूर्यदेव पूर्व दिशा से उदय होते हैं ” |
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