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छिपाऊं sentence in Hindi

pronunciation: [ chipaum ]
छिपाऊं meaning in English

Examples

  1. मैं-(ताज्जुब के साथ) ठीक है, जब आपने पहचान ही लिया तो मैं अपने को क्यों छिपाऊं मगर यह तो बताइये कि आप मुझे क्यों खोज रहे थे?
  2. “मुझसे ज्यादा कीमती हैं अश्क मेरे यार केहै अभी नादान मेरा यार क्यूँ उसको रुलाऊं” कि उस्ससे क्या छिपाऊं क्या बताऊँ बस यही मुश्किल है जी, बिलकुल सही कहा है आपने!आप से पुर्णतः सहमत!
  3. और अगर कहीं आप पुरानी जनरेशन वाले गानों के रसिक हुए तो क्या आश्चर्य! कि इन दागों को देखकर आप बरबस ही मन्ना डे को गुनगुनाने लगें (लागा चुनरी में दाग छिपाऊं कैसे...).
  4. उन्होंने फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ कव्वाली न तो कारवां की तलाश है (बरसात की रात), सर्वश्रेष्ठ हास्य गीत सर जो तेरा चकराए (प्यासा), सर्वश्रेष्ठ देशप्रेम गीत ये देश है वीर जवानों का (नया दौर), सूफ़ी गीत लागा चुनरी में दाग़ छिपाऊं कैसे (दिल ही तो है)।
  5. कभी-कभी जब बहुत थक जाता हूं मैं कुछ यांदों को ही अपने पास पाता हूं मैं फिर सोचता हूं चला जाऊं कहीं कब तक अपने आप से मुंह छिपाऊं इस तरह कुछ टूटे हुए पत्ते हवा के झोंके से मिल जाते हैं जिस तरह...
  6. इस पुस्तक के लिखने के एक महीने पहले गांधी ने अपने मित्र हेनरी पोलक को लिखा था-' इसलिए मैं महसूस करता हूं कि मैं आपसे यह बिल्कुल नहीं छिपाऊं कि मैंने मानसिक तौर पर कौन से प्रगतिशील कदमों को उठाने का संकल्प किया है...
  7. नियमानुसार यह एक आवश्यक बात थी कि जब तक आप लोग स्वयं इस कमरे में न आ जायं मैं हर एक बात आप लोगों से छिपाऊं और इसीलिए मैं इस तिलिस्म के बाहर भी आपको ले नहीं गया जबकि आपने बाहर जाने की इच्छा प्रकट की थी, मगर अब कोई बात छुपाने की आवश्यकता न रही।
  8. मोहिनी के सवालों का कोई जवाब नहीं दे पा रहा था अतुल ………… नजरें झुका कर जवाब दिया ………… हाँ मोहिनी मैने दूसरी शादी कर ली है, मेरी पत्नी सीमा ……… और संतान?????????? तुमसे क्या छिपाऊं, मेरी संतान नहीं है ……… मैं आज भी बेऔलाद हूँ …… मेरा वंश चलाने वाला आज भी कोई नहीं ……
  9. इस पुस्तक के लिखने के एक महीने पहले गांधी ने अपने मित्र हेनरी पोलक को लिखा था-' इसलिए मैं महसूस करता हूं कि मैं आपसे यह बिल्कुल नहीं छिपाऊं कि मैंने मानसिक तौर पर कौन से प्रगतिशील कदमों को उठाने का संकल्प किया है...हालांकि वे सभी विचार नए नहीं हैं लेकिन इन विचारों ने अब एक नया रूप लेकर मेरे मस्तिष्क पर जबरिया कब्जा कर लिया है।
  10. उसके जाने के बाद प्रेमी ने आसमान की तरफ हाथ उठाये और बोला-” क्या मुसीबत है किसने बनाई थी मोहब्बत में यह चंद्रमा और तारे तोड़कर जमीन पर लाने की बात शायद नहीं सोता होगा वह पूरी रात जमाना बदल गया है तो इश्क में बात करने का लहजा भी बदलना था अब क्या यह आसान है कि मैं चंद्रमा पर भूखंड पर लेकर मकान बनाऊं इससे अच्छा तो यह होगा कि इज्जत बचाने के लिये अपनी प्रिया से मूंह छिपाऊं किसी तरह उसे भुलाऊं।।
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