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चूर्णिल sentence in Hindi

pronunciation: [ curnil ]
चूर्णिल meaning in English

Examples

  1. अपनायी जाने वाली प्रमुख क्रियायें: १. समय पर रोग प्रतिरोधी / रोग सहिष्णु प्रजातियों के प्रमाणित बीज की बुवाई करें जैसे चूर्णिल असिता रोग की प्रतिरोधी प्रजाति रचना, पन्त मटर-मालवीय मटर आदि बुवाई हेतु प्रयोग करना चाहिए जिससे रोग की उग्रता में कमी आती है २.
  2. अंगूर) "अंगूर का पंखाकार पर्ण रोग, अंगूर का बगीचा, अंगूर इकठ्ठा करने का समय, अंगूर की खेती, अंगूर का तीव्रविगलन रोग, अंगूर की मृदुरोमिल आसिता, अंगूर की चूर्णिल आसिता, अंगूर का किट्ट, अंगूर का मृतशाख रोग, अंगूर से निकाली हुई शक्कर, अंगूर चित्रित पुस्तकें, अंगूर का कृष्ण विगलन रोग, अंगूर किर्मीर, अंगूर का बाग, अंगूर की बेल, कस्तूरी की गंध का अंगूर, अंगूर खट्टे है, अंगूर के सदृश, अंगूर बटोरने वाला, अंगूर मेखला
  3. ५ ग्राम / लीटर दर से करना लाभदायक होता है | एक हेक्टेयर हेतु १ ००० लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए | २. चूर्णिल आसिता रोग के लिए गंधक चूर्ण कवकनाशी का प्रयोग २ ग्राम / प्रति लीटर पानी की दर से करना चिहिए | रोग की पहचान होते ही दवा का प्रोग लाभदायक होता है | ३. करनाल बंट तथा स्पाट ब्लाच रोगों के लिए प्रोपिकोनाजोल का ०.
  4. मृदु रोमिल असिता एवं चुर्णित आसिता जैसे रोगों से बचाव के लिए फसल के लिये नियमित निगरानी रखनी चाहिए तथा रोग कि शुरुआती अवस्था दिखाई देते ही उचित कवकनाशी का प्रयोग करना चाहिए| चूर्णिल आसिता के प्रबंधन हेतु गंधक चूर्ण कि २. ५ मात्रा/लीटर पानी की दर से तथा मृदुरोमिल आसित से बचाव के लिए मैन्कोंजेब की २.५ ग्राम मात्रा/लीटर पानी की दर से फसल पर २-३ छिड़काव १० दिन के अन्तराल पर आवयकतानुसार करें|४.
  5. १. रोग जनक की मात्रा कम करने के लिए गर्मी के दिनों मैं गहरी जुताई, फसल चक्र अपनाना, रोग ग्रसित पौधों के अवशेषों को जलना तथा खरपतवारो को नष्ट करना बहुत जरुरी है | २. अगेती बुवाई अल्टरनेरिया पट्टी झुलसा, सफेद किट्ट व चूर्णिल आसिता आदि रोगों को रोकने में सहायक होती हैं | ३. स्वस्थ व साफ़ सुथरे बीजों का प्रयोग करना चाहिए | बीज जनित रोगों रोगों से सुरक्षा के लिए २. ५ ग्रा म.
  6. बीज को ट्रा इ कोडरमा पाउडर की ४-५ ग्राम मात्रा + कार्बोक्सिन कि एक ग्राम मात्रा प्रति किग्रा बीज कि दर से उपचारित करके बुवाई करें | जिससे बीज जनित रोगों तथा मृदा जनित रोगों से प्रारम्भिक अवस्था में फसल को बचाया जा सकता है | ३. मृदु रोमिल असिता एवं चुर्णित आसिता जैसे रोगों से बचाव के लिए फसल के लिये नियमित निगरानी रखनी चाहिए तथा रोग कि शुरुआती अवस्था दिखाई देते ही उचित कवकनाशी का प्रयोग करना चाहिए | चूर्णिल आसिता के प्रबंधन हेतु गंधक चूर्ण कि २.
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