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खयाल करना sentence in Hindi

pronunciation: [ khayal karana ]
खयाल करना meaning in English

Examples

  1. आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस जमाने का खयाल करना भी मुश्किल है जब यहाँ कुछ न था।
  2. खुस हो लेकिन उस जनता का भी कभी खयाल करना जो कांग्रेस के कुकर्मो से रो रही है,,,,,, जाई हिन् द..... असली हो या नकली.... शेर शेर होता है.....
  3. मैं हूँ ', इसकी तरफ खयाल करना है कि ‘ मैं ' क्या हूँ?, तो ‘ मैं हूँ ' यह जो सत्ता है-मेरा होनापन, यह मेरा स्वरूप है ।
  4. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा है कि मोदी की खुद की तो कोई मर्यादा है नहीं, कम से कम उन्हें अपनी पार्टी का खयाल करना चाहिए था जिसने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया।
  5. आप जरा खयाल करना कि अपनी पत्नी के सामने आप दूसरे आदमी होते हैं, अपने बेटे के सामने तीसरे, अपने बाप के सामने चौथे, अपने नौकर के सामने पांचवें, अपने मालिक के सामने छठवें।
  6. और जरा खयाल करना, दंड भी तो दुख ही देगा दूसरों को! तो तुम दूसरों को दुखी ही देखना चाहते हो! परमात्मा भी मिल जाएगा तो भी तुम मांगोगे दंड ही! दूसरों को दुख देने का उपाय ही! तुम अपनी शांति तक छोड़ने को तैयार हो
  7. इस उम्र में हमें अपनी गरिमा का भी पूरा खयाल करना चाहिए, कि हमारे किए या कहे शब्दों का लोगों पर क्या असर पड़ेगा? मैं अगर लेखिका नहीं होती तो मैं लोक नर्तकी होती और गांव-गांव नाचती. औरत कहीं भी जाकर किसी भी मुकाम पर खुद को साबित कर सकती है.
  8. परचून की दुकान पर बैठे लाला जी ने कहा, ' अरे भाई, उनके लिए मरे-जिए का कोई मतलब न हो, पर दूसरे के धर्म-ईमान का तो खयाल करना चाहिए! जवान बेटे के मरने पर तेरह दिन का सूतक होता है और वह यहाँ सड़क पर बाज़ार में आकर ख़रबूज़े बेचने बैठ गई है।
  9. उन्होंने वहीं मेरा हाथ पकड़ लिया और उग्रभाव से बोले-इन बाजारी लड़कों के साथ धेले के कनकौए के लिए दौड़ते तुम्हें शर्म नहीं आती? तुम्हें इसका कुछ लिहाज नहीं कि अब नीची जमात में नही हो, बल्कि आठवीं जमात में आ गए हो और मुझसे केवल एक दरजा नीचे हो, आखिर आदमी को कुछ तो अपनी पोजीशन का खयाल करना चाहिए।
  10. इसी प्रकरण में एक अन्य पहलु भी समाहित है, वह यह कि संविधान देश के लोगों को धार्मिक स्वतन्त्रता का भी मूल अधिकार देता है | जिसके अनुसार इस्लाम के अनुयाईयों का कहना है कि उनको सलमान रुश्दी और बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन जैसे लोगों का और हिन्दुधर्मावलम्बियों का कहना है कि उनको एफएफ हुसैन जैसों का विरोध करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है | इसलिये भी सरकार को दोनों ही धर्म के लोगों की भावनाओं का खयाल करना होगा |
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