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लक्ष्यहीनता sentence in Hindi

pronunciation: [ laksyahinata ]
लक्ष्यहीनता meaning in English

Examples

  1. उत्तराखंड बनने की प्रक्रिया की दृष्टिहीनता एवं लक्ष्यहीनता, वामपंथी एवं जनपक्षधर ताकतों में उभरा विखंडन और जनांदोलनों के साथियों के बीच पनपी संवादहीनता.
  2. पता नहीं ये ग्रह-नक्षत्रों के परिवर्तन के प्रति मन की संवेदनशीलता है, रोजमर्रा के जीवन के प्रति उदासीनता या फिर लक्ष्यहीनता से पैदा हुई ऊब है।
  3. उन्होंने भाषा के संबंध में तेजी से बढ़ रही हमारी पराधीनता के अलावा समाज की लक्ष्यहीनता के सन्दर्भ में भी इस कहानी को प्रासंगिक पाया है.
  4. समाज की दिशाहीनता, भटकाव, विशेषकर युवा वर्ग की लक्ष्यहीनता के प्रति ताऊ ह्रर्दय की उथल पुथल, उनकी तडप भरी झनझनाट का शोर स्पष्ट उनकी लेखनी मे सुनाई पडता है।
  5. लक्ष्यहीनता और संसारिकता का मोह इन्हें पुराने अभ्यास को बदलने का न तो नया कारण ढूँढने देता है और न ही अपने अवसाद और उग्रता पर इनका वश होता है.
  6. समाज की दिशाहीनता, भटकाव, विशेषकर युवा वर्ग की लक्ष्यहीनता के प्रति ताऊ ह्रर्दय की उथल पुथल, उनकी तडप भरी झनझनाट का शोर स्पष्ट उनकी लेखनी मे सुनाई पडता है।
  7. फ़ासीवाद ग्रामीण और शहरी मध् य वर्गों, निम्न पूँजीपति वर्गों और लम्पट सर्वहारा वर्ग के जीवन की दिशाहीनता, हताशा, लक्ष्यहीनता और सांस्कृतिक पिछड़ेपन का फायदा उठाते हुए उनके बीच लम्बी तैयारी के साथ प्रतिक्रिया की ज़मीन तैयार करता है।
  8. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार महिलाओं के लिए झूठे आदर्श और विकल्प कि जो आज के समाजों में प्रचलित हैं, महिलाओं को लक्ष्यहीनता, आत्ममुग्धता तथा पुरुषों के साथ परिणामहीन प्रतिबद्धता की ओर ले जा रहे हैं और उनकी महान मानवीय व प्रशिक्षण संबंधी भूमिका की उपेक्षा कर रहे हैं।
  9. समारोहअध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने आज की पत्रकारिता की लक्ष्यहीनता पर खेद जताया तो डॉ. अहिल्या मिश्र ने महिला पत्रकार की अपनी खतरोंभरी ज़िंदगी की ओर ध्यान खींचा. डॉ. विजयवीर विद्यालंकार ने आंध्र की आर्यसमाजी पत्रकारिता का यशोगायन किया तो नीरज ने धर्मनिरपेक्ष पत्रकारिता पर सांप्रदायिक हमलों की आपबीती सुनाकर रोमांच पैदा किया.
  10. लक्ष्यहीनता के माहौल ने युवाओं को इतना दिग्भ्रमित करके रख दिया है कि उन्हें सूझ ही नहीं पड़ रही कि करना क्या है, हो क्या रहा है, और आखिर उनका होगा क्या? आज से दो-तीन दशक पूर्व तक साधन-सुविधाओं से दूर रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों में ‘ सुखार्थिन कुतो विद्या, विद्यार्थिन कुतो सुखम् ' के भावों के साथ जीवन निर्माण की परंपरा बनी हुई थी।
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