×

बहुमत का निर्णय sentence in Hindi

pronunciation: [ bahumat ka nirnaya ]
बहुमत का निर्णय meaning in English

Examples

  1. शलाकाओं का संग्राहक मतदाताओं को रंगों के अर्थ समझाकर उनके मत संग्रह करता था और बहुमत का निर्णय मान्य होता था।
  2. इसमें बहुमत का निर्णय देने वाले सात में से छह न्यायाधीशों ने कहा कि संविधान के अध्याय तीन में वर्णित मूल अधिकार, उसका मूल ढांचा है अत:
  3. संख्या में ज्यादा लोग जो कहें उसे थोड़े लोगों को मान लेना चाहिए, बहुमत का निर्णय माना ही जाना चाहिए, यह भावना तो करीब-करीब सभी पारंपरिक समाजों के लिए नई बात है।
  4. मतदाता किसी भी सरकार को पूर्ण बहुमत का निर्णय नहीं देंगे तो गठबंधन सरकार बनने के रास्ते तो स्वयं साफ हो जाएंगे ऐसे में सवाल यह है कि क्या बहुजन समाज पार्टी को सरकार में पुन: बने रहने के लिए कोई राजनैतिक दल समर्थन दे सकता है?
  5. स्पष्टतः यह कि पहला तो जो राज्य व्यवस्था हो उसका मालिक एक हो और वह उसके हिसाब से सीधी राह चले (हिन्दुस्तानी संदर्भ में पति के आदेश पर चलने वाली एक संस्कारी पत्नी) और दूसरा, उस पर बहुमत का निर्णय मानने की कोई बाध्यता न हो!
  6. परंतु ज़ाहिर है जब मतदाता किसी भी सरकार को पूर्ण बहुमत का निर्णय नहीं देंगे तो गठबंधन सरकार बनने के रास्ते तो स्वयं साफ हो जाएँगे ऐसे में सवाल यह है कि क्या बहुजन समाज पार्टी को सरकार में पुन: बने रहने के लिए कोई राजनैतिक दल समर्थन दे सकता है?
  7. चीफ जस्टिस ने अपने और न्यायमूर्ति पी सदाशिवम तथा न्यायमूर्ति सुरिन्दर सिंह निज्ज्र की ओर से बहुमत का निर्णय सुनाते हुए कहा कि संगमा की याचिका पर प्रारंभिक दौर में ही विचार से इनकार किया जाता है क्योंकि मुखर्जी के चुनाव को चुनौती देने के लिए उनकी ओर से दी गई दलीलों में बहुत कम या कोई भी तथ्य नहीं है।
  8. इसमें बहुमत का निर्णय देने वाले सात में से छह न्यायाधीशों ने कहा कि संविधान के अध्याय तीन में वर्णित मूल अधिकार, उसका मूल ढांचा है अत: उसमें संशोधन नहीं होना चाहिए, जबकि उनमें से एक न्यायाधीश एच. आर. खन्ना ने मत व्यक्त किया कि संपत्ति का मूल अधिकार संविधान के बुनियादी ढांचे का भाग नहीं है।
  9. ' ' क्या अर्थ निकलता है इसका? स्पष्टतः यह कि पहला तो जो राज्य व्यवस्था हो उसका मालिक एक हो और वह उसके हिसाब से सीधी राह चले (हिन्दुस्तानी संदर्भ में पति के आदेश पर चलने वाली एक संस्कारी पत्नी) और दूसरा, उस पर बहुमत का निर्णय मानने की कोई बाध्यता न हो! यह है गांधी का आदर्श स्वराज-जिसमे अदालतें नहीं होंगीं, होंगी तो पुराने ढंग की (पेज 89) ।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.