प्रक्रिया के नियम sentence in Hindi
pronunciation: [ prakriya ke niyam ]
Examples
- बाल सहायता दिशानिर्देश कार्यपत्रक अलास्का नियम सिविल प्रक्रिया में निहित है, नियम 90.3. अलास्का [विधियों, 25.24.160 और 25.27.110 धारा 25.27.900 के लिए, और सिविल प्रक्रिया के नियम अलास्का, 67 नियम और 90.3].
- (3) राज्यपाल, विधान परिषद वाले राज्य में विधान सभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति से परामर्श करने के पश्चात, दोनों सदनों में परस्पर संचार से संबंधित प्रक्रिया के नियम बना सकेगा।
- यद्यपि लोक सभा ने अपने व्यवसाय के संचालन हेतु प्रक्रिया के नियम तय कर रखे हैं किन्तु याचिका समिति शाखा में कार्यरत श्री मोहमद आफताब आलम, उप सचिव जैसे स्वयम्भू लोक सेवक इन सभी नियमों का यह कहकर बेधड़क उल्लंघन कर रहे हैं किस्थापित परम्परा के अनुसार...
- सुप्रीम कोर्ट ने डॉ 0 विजय लक्ष्मी साधो बनाम जगदीश के निर्णय दिनांक 0 5. 01.01 में स्पष्ट किया है कि विद्वान एकल न्यायाधीश ने यह अनदेखा किया है कि संविधान के अनुच्छेद 225 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय द्वारा बनाये गये नियम मात्र प्रक्रिया के नियम है तथा वे सारभूत नियम नहीं बन जाते और वे नियम संविधान के अनुच्छेद 348 (2) के प्रावधानों के आशय को प्रभावित नहीं कर सकते।
- (2) जब तक खंड (1) के अधीन नियम नहीं बनाए जाते हैं, तब तक इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले तत्स्थानी प्रांत के विधान-मंडल के संबंध में जो प्रक्रिया के नियम और स्थायी आदेश प्रवृत्त थे, वे ऐसे उपांतरणों और अनुकूलनों के अधीन रहते हुए उस राज्य के विधान-मंडल के संबंध में प्रभावी होंगे, जिन्हें, यथास्थिति, विधान सभा का अध्यक्ष या विधान परिषद का सभापति उनमें करे।
- ऐसे लोग समझ लें उक्त विवाद मे मुख्य रूप से मात्र दो विषय थे पहला क्या किसी चलती हुई प्रक्रिया के नियम मनमाने ढंग से (खेल शुरू होने के बाद उसके नियमों मे परिवर्तन) बदले जा सकते है या नही? और दूसरा प्रश्न था कि क्या prospective amendment का प्रभाव retrospective हो सकता है या नही? इन दोनोँ सवालों का जवाब एकल डबल और ब्रहद पीठ ने ' नही ' मे दिया है और दुनिया का कोई कोर्ट इन प्रश्नो का जवाब हाँ मे नही दे सकता ।
- महान मंत्रिगण कपिल सिब्बल, चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी, पवन बंसल, सलमान खुर्शीद, अंबिका सोनी, अश्विनी कुमार, नारायण सामी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कर्णधार दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, मनीष तिवारी, राशिद अल्वी, संजय निरुपम वगैरह देश की जनता को बताएं कि किस संसदीय प्रक्रिया के नियम के तहत देश का कोई नागरिक उपवर्ग उस स्टैंडिंग कमेटी के सामने अपने तर्क रखेगा जिसके सामने उसी सिविल सोसायटी का ड्राफ्ट भिजवाने के बदले मंत्रियों के समूह ने उसे कूड़ेदान में फेंक दिया हो.