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कञ्चन sentence in Hindi

pronunciation: [ kanycan ]
कञ्चन meaning in English

Examples

  1. व्यवहार में हिंदुस्तानी में झण्डा को झंडा, हिन्दी को हिंदी, बिन्दी को बिंदी, गन्दा को गंदा, कञ्चन को कंचन, धनञ्जय को धनंजय, मृत्युञ्जय को मृत्युंजय, पम्प को पंप, खम्भा को खंभा लिखा जा रहा है।
  2. संस्कृत में किसी शब्द के अंतर्गत वर्णमाला के कवर्ग से पवर्ग तक के वर्णों (अर्थात् ‘क' से ‘म' तक के वर्ण) के पूर्व अनुस्वार नहीं लिखा जाता है, बल्कि उसके स्थान पर संबंधित वर्ग का पांचवां वर्ण लिखा जाता है, जैसे कङ्कण (कड़ा या चूड़ी), कञ्चन (स्वर्ण), कण्टक (कांटा), कन्दर (गुफा), कम्पन (कांपना), आदि ।
  3. और वैसे भी यदि आप स्वयं भी उच्चारण करके देखें तो पाएंगे कि बिन्दी वाले शब्दों का उच्चारण करते समय जीभ मुंह के विभिन्न भागों को छूती है जैसे गङ्गा में केवल गला थोड़ी देर के लिए बन्द होता है और जीभ हवा में रहती है इसी प्रकार कञ्चन, खण्डन, द्वन्द, और कम्पन सभी में जीभ मुंह के अलग-अलग भागों को छूती है।
  4. 1. वर्णों का प्रयोग-(क) मूर्धन्य वर्ण ट, ठ, ड और ढ को छोड़कर शेष सभी वर्णों से युक्त शब्दों का प्रयोग, वर्णों का अपने वर्ग के अन्तिम वर्ण से संयुक्त होनेवाले शब्दों का प्रयोग, जैसे सङ्ग (ग का अपने वर्ग के अन्तिम वर्ण ङ के साथ संयुक्त है), कञ्चन (यहाँ च अपने वर्ग के अंतिम वर्ण ञ से संयुक्त है), पन्थ आदि शब्द।
  5. संस्कृत में किसी शब्द के अंतर्गत वर्णमाला के कवर्ग से पवर्ग तक के वर्णों (अर्थात् ‘ क ' से ‘ म ' तक के वर्ण) के पूर्व अनुस्वार नहीं लिखा जाता है, बल्कि उसके स्थान पर संबंधित वर्ग का पांचवां वर्ण लिखा जाता है, जैसे कङ्कण (कड़ा या चूड़ी), कञ्चन (स्वर्ण), कण्टक (कांटा), कन्दर (गुफा), कम्पन (कांपना), आदि ।
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