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उपेक्षापूर्वक sentence in Hindi

pronunciation: [ upeksapurvak ]
उपेक्षापूर्वक meaning in English

Examples

  1. कि-भोपाल की ओर से आ रही टेªक्टर-ट्राली क्रमांक-एमपी04-एलए-9700 को तेजी एवं लापरवाही व उपेक्षापूर्वक चलाते हुये उसके चालक ने आवेदक की मोटरसाईकिल को सामने से जोरदार टक्कर मार दी।
  2. पक्षकारों द्वारा गैरजिम्मेदारीपूर्ण एवं उपेक्षापूर्वक उदासीनता का आचरण किया गया है ऐसी दशा में तब जब कि उन्हें धारा-5 परिसीमा अधिनियम का लाभ भी प्रदान नहीं किया गया है।
  3. जब मैं किसी सब्ज़ी की तरफ हाथ नहीं बढाता, तो भी मुझे उपेक्षापूर्वक देखते हुए वह पिछले ग्राहकों द्वारा तितर-बितर किये बेंगनों को करीने से ज़माने लगती है.
  4. उपेक्षापूर्वक विद्युत को व्यर्थ करना, विद्वेषतापूर्वक विद्युत को व्यर्थ करना, सार्वजनिक विद्युत प्रकाश लैंपो को क्षति पंहुचाना वे अपराध है जो धारा 139, 140, 141 के अंतर्गत दंडनीय हैं.
  5. धनवान लोग अश्रद्धा एवं अनिच्छा रहते हुए भी मान, प्रतिफल, दबाव या अन्य किसी कारण से उपेक्षापूर्वक भी कुछ पैसे दान खाते फेंक सकते हैं, पर समयदान वही कर सकेगा जिसकी उस कार्य में श्रद्धा होगी।
  6. उभय पक्ष के अभिवचनों के आधार पर निम्नलिखित वाद प्रश्नों की वाद विषय 1क्या दि0 28. 2.2006 को अना0क्र01 द्वारा अना0क्र02 के स्वामित्व की मिनी बस क्र0 एमपी-04-एच-8444 को तेजी, लापरवाही एवं उपेक्षापूर्वक चलाकर आवेदक नितिन विनोदे की मोटरसाईकिल में टक्कर मारकर उसे उपहति कारित की?
  7. कथनों एवं जांच पर प्रगति बिल्डर्स फर्म के साझेदार अर्जुन अग्रवाल, हितेश रामजी पटेल, हरिलाल पटेल, दिनेश पटेल, खिमजी भाई पटेल द्वारा उपेक्षापूर्वक सुरक्षा उपकरण उपलध न कराने से करंट लगकर मृत्यु होना पाए जाने पर धारा 304 ए भादंवि का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
  8. बात यदि कहीं तक सीमित रहती तो रूढ़ियों के प्रति निष्ठावान सनातनधर्मी वर्ग इन लोगों को भी धर्मभ्रष्ट म्लेच्छ क्रिस्तान मानकर उपेक्षापूर्वक मुंह फेर लेता, परन्तु ये आर्य बाबूगण साहब बाबुओं के समान चरित्रहीन और पतित नहीं थे-वरन ये लोग वेद मंत्रोच्चार और यज्ञ-होमादि भी करते थे।
  9. एक रूपवती और निपुण स्त्री के साथ महिमा मंगोल का अलाउद्दीन के दरबार से भागना, अलाउद्दीन का उसे हम्मीर से वापस माँगना, हम्मीर का उसे अपनी शरण में लेने के कारण उपेक्षापूर्वक इनकार करना, ये सब बातें जोधाराज क्या उसके पूर्ववर्ती अपभ्रंश कवियों की ही कल्पना है, जो वीरगाथाकाल की रूढ़ि के अनुसार की गई थी।
  10. निष्कर्ष वाद बिन्दु सं. 1:-"क्या दि. 16.08.00 को समय करीब 09.30 बजे सुबह अन्तर्गत ग्राम गोबरा के पास थाना खीरी जनपद इलाहाबाद में याची विद्याकान्त जो कि टाटा 407 यू. पी. 70/ई. 7081 में सावारी के रूप में जा रहा था कि उक्त वाहन के चालक द्वारा वाहन को तेजी एवं उपेक्षापूर्वक चलाते हुए दुर्धटना कारित किया।
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