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आंशिक पक्षाघात sentence in Hindi

pronunciation: [ amshik paksaghat ]
आंशिक पक्षाघात meaning in English

Examples

  1. दैनिक जागरण, अलीगढ़ के स्थानीय संपादक रहे ओंकार सिंह दैनिक जागरण के मेरठ आफिस में कार्य करते वक्त आंशिक पक्षाघात के शिकार हो गए।
  2. रहस्य बीमारी मितली, बुखार, दस्त और कमजोरी शीघ्रता से गंभीर गुर्दे की विफलता, आंशिक पक्षाघात और मौत के लिए चल रहा है, के साथ शुरू होता है।
  3. न्यूजीलैंड में ऐसा मामला सामने आया है जहां एक महिला अपने साथी की ओर से की गई कामुक हरकत के बाद आंशिक पक्षाघात की शिकार हो गई।
  4. एक आने वाले खतरे को मंडराता देख कर मैं तभी सहमा था, मेरी आंशका तब और बेचैन करने लगी थी, जब कुछ दिन बाद ही आंशिक पक्षाघात से उनकी वाग्शक्ति बहुत प्रभावित हो गई थी।
  5. [12] मनोरोगतज्ञ बेचैनी के लघु-अवधिक उपचार के लिये डायजेपाम की सिफारिश करते रहते हैं, नाड़ी तंत्र में इसे मिर्गी के कुछ प्रकारों और स्पास्टिक गतिविधि के पेलियेटिव उपचार के लिये लिखते हैं, उदा. आंशिक पक्षाघात के प्रकार.
  6. करनाल से भाई अशोक भाटिया ने बातचीत के दौरान सूचना दी थी कि श्रीयुत पृथ्वीराज अरोड़ा के मस्तिष्क के किसी हिस्से में फ्लूड्स के रिसाव की वजह से उनके दायें अंगों पर आंशिक पक्षाघात का आक्रमण हुआ था और 18 मार्च को उनका ऑप्रेशन भी करना पड़ा।
  7. बीसवीं शताब्दी के आरंभ की इन दैहिक चिकित्सा पद्धतियों, जिन्हें एक जीवन बचाने के हताश अंतिम उपाय के अर्थ में वीरतापूर्ण वर्णित किया गया था, में पागल के सामान्य आंशिक पक्षाघात के लिेए विषमज्वरीय चिकित्सा (1917), बार्बिटुरेट प्रेरित गहरी नींद चिकित्सा (1920), इन्सुलिन आघात चिकित्सा (1933), कार्डियाजोल आघात चिकित्सा और विद्युत-आक्षेपी चिकित्सा शामिल थी.
  8. डायजेपाम 1969 से 1982 तक युनाइटेड स्टेट्स की सबसे अधिक बिकने वाली दवा थी, और 1978 में उसकी 2.3 बिलियन गोलियां बिकीं. मनोरोगतज्ञ बेचैनी के लघु-अवधिक उपचार के लिये डायजेपाम की सिफारिश करते रहते हैं, नाड़ी तंत्र में इसे मिर्गी के कुछ प्रकारों और स्पास्टिक गतिविधि के पेलियेटिव उपचार के लिये लिखते हैं, उदा. आंशिक पक्षाघात के प्रकार.
  9. पीठ तथा बाहरी अंगों से संबन्धित लक्षण:-गुर्दे में कमजोरी महसूस होना, रीढ़ की हडडी का आंशिक पक्षाघात (लकवा) विशेष रूप से बुढ़ापे के कारण उत्पन्न होने वाले पक्षाघात (लकवा) तथा रोगावस्था के बाद ऊरुसंधि तथा बाईं जांघों में दबाव महसूस होना आदि लक्षणों में आइरीडियम औषधि का प्रयोग लाभकारी माना गया है।
  10. शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण-रोगी के हाथ और बाजू सो जाते हैं, बांहों का आंशिक पक्षाघात के साथ झटके लगना, टांगों के सुन्न हो जाने के कारण रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि उसे लकवा मार गया हो, पिण्डलियों और तलुवों में जलन होना, चलते समय घुटनों में कड़कड़ाहट होना और पैरों को घसीटकर चलना, सुबह के समय पैरों और बांहों में अचानक कमजोरी आ जाना महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि देना बहुत उपयोगी होता है।
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