सोनापाठा meaning in Hindi
[ sonaapaathaa ] sound:
सोनापाठा sentence in Hindi
Meaning
संज्ञाExamples
More: Next- इसके 15 मिनट बाद सोनापाठा की छाल वाला पानी छान कर पी लें।
- सोनापाठा की जड़ की छाल का इस्तेमाल बृहत पंचमूल में किया जाता हैं।
- गुण-धर्म : सोनापाठा गर्म होने से कफ ( बलगम ) तथा वात शामक है।
- गुण-धर्म : सोनापाठा गर्म होने से कफ ( बलगम ) तथा वात शामक है।
- सोनापाठा के पेड़ भारत के पश्चिमी सूखे प्रदेशों को छोड़कर अक्सर सभी जगह पाये जाते हैं।
- सोनापाठा के पेड़ में गर्मी और बारिश के मौसम में फूल तथा सर्दियों में फल लगते हैं।
- सोनापाठा का फूल वाहक दंड बहुत लम्बा , फूल बहुत बड़े मांसल बैंगनी रंग के तथा बदबू युक्त होते हैं।
- 150 - 200 ग्राम सोनापाठा का ताजा छिलका उतारकर , पीसकर , रात को 1 गिलास पानी में भिगोकर रख लें।
- सोनापाठा की छाल और कुटज की छाल का 2 चम्मच रस रोगी को पिलाने से अतिसार ( दस्त ) बंद हो जाता है।
- सोनापाठा फली तलवार जैसी टेढ़ी चिकनी कठोर ढाई इंच से 1 फीट लम्बी तथा 2 इंच से साढे़ 3 इंच तक चौड़ी होती हैं।