सत्ययज्ञ meaning in Hindi
[ setyeyjeny ] sound:
सत्ययज्ञ sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- एक पौराणिक ऋषि:"पौलूषि पुलु ऋषि के कुल में पैदा हुए थे"
synonyms:पौलूषि, सत्ययज्ञ ऋषि
Examples
More: Next- आभेय , गार्ग्य, उद्गीथ, सत्ययज्ञ, उषस्ति आदि वृक्षों के नीचे बैठे संगीत में मग्न थे कि अचानक बचाओ-बचाओ के स्वर ने उनका ध्यान भंग किया।
- उस समय प्राचीनशाल , सत्ययज्ञ, इंद्रद्युम्न, जन और बुडिल नाम के पांच महापंडित एकसाथ बैठकर विचार किया करते थे कि आत्मा क्या है, ब्रह्म क्या है?
- उस समय प्राचीनशाल , सत्ययज्ञ, इंद्रद्युम्न, जन और बुडिल नाम के पांच महापंडित एकसाथ बैठकर विचार किया करते थे कि आत्मा क्या है, ब्रह्म क्या है?
- राजा ने पुन : ' सत्ययज्ञ ' से कहा कि आप जिस आदित्य की उपासना करते हैं , वह निश्चय ही विश्वरूप वैश्वानर आत्मा है।
- राजा ने पुन : ' सत्ययज्ञ ' से कहा कि आप जिस आदित्य की उपासना करते हैं , वह निश्चय ही विश्वरूप वैश्वानर आत्मा है।
- राजा ने पुन : ' सत्ययज्ञ ' से कहा कि आप जिस आदित्य की उपासना करते हैं , वह निश्चय ही विश्वरूप वैश्वानर आत्मा है।
- इन खण्डों में राजा अश्वपति और प्राचीनशाल उपमन्यु के पुत्र ' औपमन्यव ' , भाल्लवेय वैयाघ्रपय ' इन्द्रद्युम्न , ' पौलुषि-पुत्र ' सत्ययज्ञ ' , शार्कराक्ष-पुत्र ' जन ' , अश्वतराश्व-पुत्र ' बुडिल ' और अरुण-पुत्र ' उद्दालक ' के मध्य हुए प्रश्नोत्तर में ' आत्मा ' और ' ब्रह्म ' के मर्म को समझाया गया है तथा ब्रह्माण्ड व मानव-शरीर के छ : अंगों की तुलनात्मक व्याख्या की गयी हैं।
- इन खण्डों में राजा अश्वपति और प्राचीनशाल उपमन्यु के पुत्र ' औपमन्यव ' , भाल्लवेय वैयाघ्रपय ' इन्द्रद्युम्न , ' पौलुषि-पुत्र ' सत्ययज्ञ ' , शार्कराक्ष-पुत्र ' जन ' , अश्वतराश्व-पुत्र ' बुडिल ' और अरुण-पुत्र ' उद्दालक ' के मध्य हुए प्रश्नोत्तर में ' आत्मा ' और ' ब्रह्म ' के मर्म को समझाया गया है तथा ब्रह्माण्ड व मानव-शरीर के छ : अंगों की तुलनात्मक व्याख्या की गयी हैं।
- ' औपमन्यव ' ने कहा कि वे ' द्युलोक ' की उपासना करते हैं , ' इन्द्रद्युम्न ' ने कहा कि वे ' वायुदेव ' की उपासना करते हैं , ' सत्ययज्ञ ' ने कहा कि वे ' आदित्य ' की उपासना करते हैं , ' जन ' ने कहा कि वे ' आकाशतत्त्व ' की उपासना करते है , ' बुडिल ' ने कहा कि वे ' जलतत्त्व ' की उपासना करते हैं और ऋषिकुमार ' उद्दालक ' ने कहा कि वे ' पृथ्वीतत्त्व ' की उपासना करते हैं।
- ' औपमन्यव ' ने कहा कि वे ' द्युलोक ' की उपासना करते हैं , ' इन्द्रद्युम्न ' ने कहा कि वे ' वायुदेव ' की उपासना करते हैं , ' सत्ययज्ञ ' ने कहा कि वे ' आदित्य ' की उपासना करते हैं , ' जन ' ने कहा कि वे ' आकाशतत्त्व ' की उपासना करते है , ' बुडिल ' ने कहा कि वे ' जलतत्त्व ' की उपासना करते हैं और ऋषिकुमार ' उद्दालक ' ने कहा कि वे ' पृथ्वीतत्त्व ' की उपासना करते हैं।