शालपर्णी meaning in Hindi
[ shaalepreni ] sound:
शालपर्णी sentence in Hindiशालपर्णी meaning in English
Meaning
संज्ञा- एक पौधा:"शालपर्णी दवा के रूप में उपयोग होती है"
synonyms:शालपर्ण, त्रिपर्णी, त्रिपर्णिका, सरिवन, शालिपर्णी, धवनि, शालपत्रा, तृणगंधा, तृणगन्धा, पीतिनी, पीतनी, रुद्रजटा, रुद्र-जटा, रुद्र जटा, सौम्या, शालानी, दीर्घमूला, निश्चला, वातघ्नी, ध्रुवा, गठिवन, कुकुर, पीलुमूल, पीवरी, शालिका, शुभपत्रिका, नीलपुष्प, पर्णी, अस्तमती, पालिंदी, पालिन्दी, पालिंधी, पालिन्धी
Examples
More: Next- हैं कि वे ऋत और अमृत आदि नाम वैसे ही हैं , जैसे अश्वगन्धा, शालपर्णी
- इनके शास्त्रीय नाम क्रमशः इस प्रकार हैं- बिल्व , श्रीपर्णी, पाटला, अग्निमन्थ, शालपर्णी, पृश्रिपर्णी, वार्ताकी, कण्टकारी और गोक्षुर।
- शालपर्णी और अर्जुन की जड़ को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
- रोग शालपर्णी और अर्जुन की जड़ को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
- लिंग को बढ़ाने के लिए लोध्र , केशर , असगंधा , पीपल , शालपर्णी को तेल में पकाकर लिंग पर मालिश करने से लिंग में वृद्धि हो जाती है।
- लिंग को बढ़ाने के लिए लोध्र , केशर , असगंधा , पीपल , शालपर्णी को तेल में पकाकर लिंग पर मालिश करने से लिंग में वृद्धि हो जाती है।
- सं . )-मुलहठी, तगर, कूठ, देवदारु, रेणुका, नागकेशर, इलायची, एलवा, नीलोफर, मिश्री, विड ग, चन्दन, तेजपत्ता, फूलप्रियंगु, कतृण, हल्दी, दारु-~ हल्दी, कंटाई, दोनों सारिवा, शालपर्णी, इनके कल्क से सिद्ध किया हुआ भीशीघ्र ही सब प्रकार के विष का नाश करता है.
- हवन सामग्री-ब्राह्मी , शतावरी, अससंध, शालपर्णी, अरूसा, गुलाब के फूल, चन्गनसफेद, रास्ना, देवदारू, अगर, तगर, जटामांसी, गोखरू, पिस्ता, बादाम, मुनक्काछुहारे, जायफल, जावित्री, लोंग, हर्र, बहेड़ा, आमला, १-१ भाग गूगल दूना कपूर, केशर थोड़ी थोड़ी मिष्ठान्न यथावश्यक घी शकर भी आवश्यकतानुसार मिला लें.
- गुंजा , गधविरोजा, गुड़हल, शालपर्णी, तेमरू, पद्याख, पाषाण भेदी, दाऊहलदी, वट आदि किसी न किसी रूप में दवा के काम आते हैं आयुर्वेद की चिकित्सा इन्हीं पर आधारित है।” आयुर्वेद की चिकित्सा के साथ-साथ वृक्ष प्रदूषण रोकने में भी सहायक होते हैं।
- ब्राह्मण्यष्टिका से कहते हैं । मूर्वा । मधुरसा । और तेजनी । तिक्तवल्लिका से कहते हैं । स्थिरा । विदारीगन्ध । शालपर्णी । अंशुमती । एक ही औषधि है । लाड्ग्ली । कलसी । क्रोष्टापुच्छा । गुहा । इनको एक ही समझना चाहिये । पुनर्नवा । वर्षाभू । कठिल्या । करुणा । ये एक ही हैं । एरण्ड को उरूवक ।