वासिता meaning in Hindi
[ vaasitaa ] sound:
वासिता sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- मनुष्य जाति के जीवों के दो भेदों में से एक जो गर्भ धारण करके संतान उत्पन्न कर सकती है:"आज की महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही हैं"
synonyms:महिला, स्त्री, औरत, नारी, नार, मानुषी, तिरिया, त्रिया, रमणी, लुगाई, लोगाई, अबला, वामा, भामा, भामिनी, भाम, अंगना, वनिता, योषिता, वासुरा, तीव, मानवी, सुनंदा, सुनन्दा, तिय, मेहना, बैयर, तनु, ज़न, जोषिता - मादा हाथी:"शिकारियों से अपने बच्चे को छुड़ाने के लिए हथिनी उन पर टूट पड़ी"
synonyms:हथिनी, कुंजरी, गजी, पद्मिनी, हस्तिनी, हथनी, गजिनी, वासुरा, मनाका, मलाका, करेणुका, करभी, पुष्करिणी, इभ्या - आर्या छन्द का एक भेद जिसके प्रत्येक चरण में नौ गुरु और उनचालीस लघु वर्ण होते हैं:"यह वासिता का अच्छा उदाहरण है"
Examples
More: Next- और तमाम लोग हमारे एहसान पर्वर्दा और साख्ता व पर्दाख्ता हैं , और हम अल्लाह और मखलूक के दरमियान वासिता हैं।
- मगर यह वह बातें हैं जिन का तुम से कोई वासिता नहीं , न तुम पर कोई ज़ियादती है और न तुम से उज्र ख़्वाही की इस में ज़रुरत है।
- यह तुम ने ऐसी बात कही है कि अगर सहीह हो तो तुम्हारा उस से कोई वासिता नहीं , और ग़लत हो तो उस से तुम्हारा कोई नुक़सान नहीं होगा।
- अगर हो सके तो यह करो कि अपने और अल्लाह के दरमियान किसी वालीये नेमत को वासिता न बनने दो क्यों कि तुम अपना हिस्सा और अपनी क़िस्मत पा कर रहोगे।
- यहां कोई ग़नी ( धनी ) हो तो फ़ित्नों ( उपद्रवों ) से वासिता ( सम्बंध ) और फ़क़ीर हो तो हुज्नों मलाल ( शोक एवं क्षोभ ) से साबिक़ा ( सामना ) रहे।
- हज़रत यह फरमाना चाहते हैं कि हम पर किसी बशर का एहसान नहीं , बल्कि खुदा वन्दे आलम ने हमें तमाम नेमतें बराहे रास्त दी हैं और हमारे और अल्लाह के दरमियान कोई वासिता हाईल नहीं है।
- जो तुम को मदद ( सहायता ) के लिये पुकारे उस की सदा ( आवाज़ ) बे वक़्अत ( क़ीमत ) और जिस का तुम जैसे लोगों से वासिता ( सम्पर्क ) पड़ा हो उस का दिल ( हृदय ) हमेशा बेचैन ( सदैव विचलित ) है।
- बहर सूरत जिन जिन के पास मेरा यह ख़त ( पत्र ) पहूंचे उन्हें अल्लाह का वासिता देता हूं कि वह आयें और अगर मैं सहीह राह पर हूं तो मेरी मदद करें और अगर मैं ग़लत रास्ते पर जा रहा हूं तो मुझे अपनी मर्ज़ी ( स्वेच्छा ) से चलाने की कोशिश करें।
- और मैं अल्लाह तआला से उस की वसीइ रहमत और हर हाजत को पूरा करने पर अज़ीम कुदरत का वासिता दे कर उस से सवाल करता हूं कि वह मुझे और तुम्हें इस की तौफीक़ बख्शे जिस में उस की रज़ा मन्दी है कि हम अल्लाह के सामने और उस के बन्दों में नेक नामी और मुल्क में अच्छे असरात और उस के नेमत में फरावानी और रोज़ अफ़ज़ूं इज़्ज़त को क़ायम रखें , और यह कि मेरा और तुम्हारा खातिमा सआदत व शहादत पर हो।