वरूथ meaning in Hindi
[ veruth ] sound:
वरूथ sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- लोहे आदि का बना वह आवरण जो लड़ाई के समय हथियारों से योद्धा को सुरक्षा प्रदान करता है:"आक्रमण से बचने के लिए कवच का प्रयोग किया जाता है"
synonyms:कवच, अंगरक्षी, कंचुक, बख़्तर, बख्तर, अंगत्राण, ज़िरह, जिरह, त्राण, अँगरी, अंगरी, बख़तर, बखतर, बकतर, जगर, सनाह, नागोद, वर्म, सन्नाह, तनुवार, वारवाण, सँजोया - युद्ध हेतु प्रशिक्षित और अस्त्र-शस्त्र से सजे हुए सैनिकों या सिपाहियों का समूह:"भारतीय सेना ने शत्रुओं के छक्के छुड़ा दिए"
synonyms:सेना, फ़ौज, फौज, लश्कर, लशकर, अनीक, यूथ, वाहिनी, बल, घैंसाहर, धात्री, वरूथिनी - तलवार आदि का वार रोकने का एक उपकरण:"ढाल योद्धाओं को सुरक्षा प्रदान करती है"
synonyms:ढाल, शिफर, आड़ण, आड़न, फल
Examples
- अक्षय तृतीया · नृसिंह चतुर्दशी · मोहिनी एकादशी · वन विहार · वरूथ
- पक्षविहीन कीटों में प्रत्येक खंड का पृष्ठीय भाग सरल तथा अविभाजित रहता है पक्षवाले खंडों का पृष्ठीय भाग लाक्षणिक रूप से तीन भागों में विभाजित रहता है , जो एक दूसरे के पीछे क्रम से जुड़े रहते हैं और प्रग्वरूथ (प्रिस्क्यूटम Prescutum), वरूथ (स्क्यूटम Scutum) तथा वरूथिका (स्क्यूटैलम Scutalum) कहलाते हैं वरूथिका के पीछे की ओर पश्चवरूथिका (पोस्ट स्क्यूटैलम Post-Scutalum) भी जुडी रहती है।
- पक्षविहीन कीटों में प्रत्येक खंड का पृष्ठीय भाग सरल तथा अविभाजित रहता है पक्षवाले खंडों का पृष्ठीय भाग लाक्षणिक रूप से तीन भागों में विभाजित रहता है , जो एक दूसरे के पीछे क्रम से जुड़े रहते हैं और प्रग्वरूथ ( प्रिस्क्यूटम Prescutum ) , वरूथ ( स्क्यूटम Scutum ) तथा वरूथिका ( स्क्यूटैलम Scutalum ) कहलाते हैं वरूथिका के पीछे की ओर पश्चवरूथिका ( पोस्ट स्क्यूटैलम Post-Scutalum ) भी जुडी रहती है।
- पक्षविहीन कीटों में प्रत्येक खंड का पृष्ठीय भाग सरल तथा अविभाजित रहता है पक्षवाले खंडों का पृष्ठीय भाग लाक्षणिक रूप से तीन भागों में विभाजित रहता है , जो एक दूसरे के पीछे क्रम से जुड़े रहते हैं और प्रग्वरूथ ( प्रिस्क्यूटम Prescutum ) , वरूथ ( स्क्यूटम Scutum ) तथा वरूथिका ( स्क्यूटैलम Scutalum ) कहलाते हैं वरूथिका के पीछे की ओर पश्चवरूथिका ( पोस्ट स्क्यूटैलम Post-Scutalum ) भी जुडी रहती है।
- मार्ग में वे जिन नगर ग्रामों को पार करते हैं उनके नाम क्रमानुसार ( गिरिव्रज - अयोध्या ) इस प्रकार हैं - ऐलधान ग्राम - अपरपर्वत जनपद - शल्यकर्षण देश - वीरमत्स्य देश - उत्तरवर्ती अन्य देश - अंशुधान ग्राम - धर्मवर्धन ग्राम - तोरण ग्राम - जम्बूप्रस्थ - वरूथ ग्राम - उज्जिहाना नगरी - सर्वतीर्थ ग्राम - हस्तिपृष्ठ ग्राम - लोहित्य ग्राम - एकसाल नगरी - विनत ग्राम - कलिंग नगर - और इसके बाद अयोध्या।