लिसोड़ा meaning in Hindi
[ lisoda ] sound:
लिसोड़ा sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- एक मझोले आकार का वृक्ष:"लिसोड़ा में बेर के बराबर के फल गुच्छे के रूप में लगते हैं"
synonyms:सगपिस्ताँ, शिलु, वृद्धधूपा, अश्मंतक, अश्मन्तक, श्लेष्मांतक, श्लेष्मान्तक, श्लेष्मातक
Examples
More: Next- लिसोड़ा का वृक्ष सारे भारत में पाया जाता है .
- रूद्राक्ष धारण करने के नियम शिव पुराण के अनुसार रूद्राक्ष धारण करने वाले को मांस , मदिरा, लहसुन, प्याज, लिसोड़ा के सेवन से परहेज रखना चाहिए।
- हो सकता है आपने लिसोड़ा की सब्जी या अचार खाया होगा लेकिन यह भी जान लें की यह वनस्पति कफ जनित रोगों के लिए महा औषधि है .
- रूद्राक्ष धारण करने के नियम शिव पुराण के अनुसार रूद्राक्ष धारण करने वाले को मांस , मदिरा , लहसुन , प्याज , लिसोड़ा के सेवन से परहेज रखना चाहिए।
- रूद्राक्ष धारण करने के नियम शिव पुराण के अनुसार रूद्राक्ष धारण करने वाले को मांस , मदिरा , लहसुन , प्याज , लिसोड़ा के सेवन से परहेज रखना चाहिए।
- कफ जनित रोगों के लिए जिस प्रकार “ लिसोड़ा ” गुणकारी है उसी प्रकार योग चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत सूर्यभेदन प्राणायाम सभी प्रकार के कफ रोगों का समूल नाश करता है .
- मद्य , मांस , लहसुन , प्याज , सहजन , लिसोड़ा और विडवराह ग्राम्यसूकर ] इन पदार्थों का परित्याग करना चाहिये ! रुद्राक्ष को मन्त्रपूर्वक ही धारण करे ! बिना मंत्रोच्चारण के रुद्राक्ष धारण करने वाला नरक में तबतक रहता है , जबतक चौदह इन्द्रोंका राज्य रहता है !
- मद्य , मांस , लहसुन , प्याज , सहजन , लिसोड़ा और विडवराह ग्राम्यसूकर ] इन पदार्थों का परित्याग करना चाहिये ! रुद्राक्ष को मन्त्रपूर्वक ही धारण करे ! बिना मंत्रोच्चारण के रुद्राक्ष धारण करने वाला नरक में तबतक रहता है , जबतक चौदह इन्द्रोंका राज्य रहता है !
- गुण धर्मं दोनों के एक सामान है , भाषा भेद की दृष्टि से यह भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है हिंदी और मारवाड़ी में लिसोड़ा , मराठी और गुजराती में इसे बरगुन्द , बंगाली में बहंवार , तेलगु में चित्रनक्केरू , तमिल में नारिविली , पंजाबी में लसूडा , फारसी में सपिस्तां व अंग्रेजी में इसे सेबेस्टन नाम से जाना जाता है .
- उनके नाम और आकार आदि क्रम से इस प्रकार हैं - अकोल , अगस्त, अनार, अमरुद, अमलतास, अरनी, अरुआ, अशोक, आम, आँवला, इमली इन्द्रजो, कचनार, कटहल, कटियारी, कटैया, कदंब, कनेर, कमरख, करील, केला कैत, खजूर, खिरनी, गूलर, गोंदी, छोंकर, जामुन, झाऊ, ढ़ाक, तमाल, धौ, नारंगी, नीबू, नीम, नीमचमेली (विलायती बकायन), पपीता, पसेंदू, पापड़ी, पारस, पीपल, पिलखन, पीलू, फरास, फालसेव, बकायन, बड़, बबूल, बरना, बहेड़ा, बेर, बेल, बायबिड़ंग, महुआ, मौल श्री, रीठा, रेमजा, लबेडा, लिसोड़ा, सहतूत, श्री फल, सहजना, सहोड़, सिरस, सीशम, सेंगर, हिंगोट और हींस।