रेतस् meaning in Hindi
[ retes ] sound:
रेतस् sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- नदी, जलाशय, वर्षा आदि से मिलने वाला वह द्रव पदार्थ जो पीने, नहाने, खेत आदि सींचने के काम आता है:"जल ही जीवन का आधार है"
synonyms:जल, पानी, नीर, अंबु, अम्बु, पय, वारि, आब, तोय, सलिल, पुष्कर, अंभ, अपक, उदक, उदक्, धरुण, तपोजा, अर्ण, वाज, ऋत, शवल, शवर, सवल, सवर, नलिन, घनरस, घनसार, दहनाराति, अस्र, अंध, अन्ध, अक्षित, शबर, वसु, कीलाल, तामर, इरा, नीवर, योनि, नार, कांड, काण्ड - एक सफेद, बहुत वजनी और चमकीली धातु जो साधारणतः द्रव रूप में रहती है:"पारा ही एक ऐसी धातु है जो द्रव अवस्था में पायी जाती है"
synonyms:पारा, पारद, पारत, रुद्ररेता, अमर, रसपति, रसनाथ, रसनायक, शंभुतेज, शम्भुतेज, शिववीय, रेत, सिंधुज, सिन्धुज, सिद्धधातु, दिव्यरस, महातेज, स्कंदशक, स्कन्दशक, मुकुंद, मुकुन्द, जैत्र, शंकरशुक्र, अवित्यज, मृत्युनाशक, रसधातु, अशोक, महारस, पर्वतोद्भव, सर्व - शरीर की वह धातु जिससे उसमें बल, तेज और कान्ति आती है और सन्तान उत्पन्न होती है:"वह वीर्य संबंधी रोग से पीड़ित है"
synonyms:वीर्य, धातु, बीज, शुक्र, हीर, मज्जारस, वृष्ण्य, शुचीरता, शुचीर्य, शुटीर्य, रेत, रेत्र, रेतन, नुत्फा, इंद्रिय, इन्द्रिय, धातुराजक, धातुप्रधान, हिरण्य
Examples
More: Next- लघु प्राण को रेतस् कहते हैं ।
- रेतस् शब्द ही ' रिंगतौ ' सूत्र से सम्पन्न है अर्थात बूँद या टपकना।
- मनुष्य के शरीर पांच महाप्राण एवं पांच लघु प्राण होते है महाप्राण को ओजस् एवं लघु प्राण को रेतस् कहते हैं ।
- ' ईम् ' नामक प्राणोदक का यही वह स्तर है जो अपनी मातृयुग्म ( मातरा ) को रेतस् नामक ब्रह्मानन्द तक पहुंचा देता है ।
- इस लिये सार रूप रेतस् वीर्य को उत्पन्न होते ही शरीर में अवशोषित अवधारित कर लेने का परिणाम उत्साह उमंग और सुन्दर स्वास्थ तो होगा ही मानसिक दच्छता बढी चढी होगी।
- यह चेतना - युग्म जिस रेतस् को भोगना चाहता है , उसे ' सोम ' , ' ब्रह्म ' और ' परमव्योम ' कहा गया है ( ऋग्वेद १ . १ ६ ४ .
- इसका अर्थ है कि जिस ' रेतस् ' को उक्त चेतना युग्म भोगना चाहता है , वह ब्रह्मानन्द रस है जिसे मनुष्य - व्यक्तित्व के तीन भिन्न स्तरों पर सोम , ब्रह्म तथा परम व्योम कहा गया है ।
- इसका अर्थ है कि जिस ' रेतस् ' को उक्त चेतना युग्म भोगना चाहता है , वह ब्रह्मानन्द रस है जिसे मनुष्य - व्यक्तित्व के तीन भिन्न स्तरों पर सोम , ब्रह्म तथा परम व्योम कहा गया है ।
- यह ईम् वह प्राणोदक है जिसे पुत्र माना गया है , क्योंकि यह उस ईम् का एक रूपान्तर है जिसे वामपक्षी का अर्धस्तरीय ' अपीच्यं ' अथवा ' निहितं पदम् ' कहा गया है और जिसे उक्त ' रेतस् ' माना जा सकता है ।
- यह ईम् वह प्राणोदक है जिसे पुत्र माना गया है , क्योंकि यह उस ईम् का एक रूपान्तर है जिसे वामपक्षी का अर्धस्तरीय ' अपीच्यं ' अथवा ' निहितं पदम् ' कहा गया है और जिसे उक्त ' रेतस् ' माना जा सकता है ।