रिषभदेव meaning in Hindi
[ risebhedev ] sound:
रिषभदेव sentence in Hindi
Meaning
संज्ञाExamples
More: Next- रिषभदेव टेक्नोकेबल समिति ने असाधारण जनरल बैठक को प . ..
- निकटतम रेल्वे स्टेशन रिषभदेव रोड है।
- उदयपुर - खैरवाड़ा राष्ट्रीयमार्ग ८ पर रिषभदेव ग्राम में यह तीर्थ स्थित है।
- 6 . भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने का तात्पर्य आदि तीर्थंकर भगवान रिषभदेव, भगवान बुद्द तथा भगवान श्रीराम के पुत्राद्वय लव एवं कुश द्वारा प्रवर्तित बेदी और सोढ़ी वंश में अवतीर्ण हुए गुरुनानकदेवजी एवं गुरुगोविन्द सिंहजी, महाराणा प्रताप तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के अस्तित्व को भी अस्विकार करना होगा।
- रिषभदेव और अरिष्टनेमि तरह तीर्थंकरों ऋग्वेद में उल्लेख है , लेकिन जैन धर्म प्रदान की क्रेडिट के 23 तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ , और 24 तीर्थंकर , वर्धमान महावीर को एक संगठित रूप दिया जा सकता है | उन्होंने यह भी ऐतिहासिक व्यक्तित्व के रूप में मान्यता प्राप्त कर रहे हैं |
- भगवान रिषभदेव के रिषभ आदि चौरासी गणधर थे | चौरासी हजार श्रमण , ब्राह्मी-सुन्दरी आदि साढे तीन लाख श्रामणियां , श्रेयांस आदि साढे तीन लाख श्रावक एवं सुभद्रा आदि पांच लाख चौपन हजार श्राविकाएं प्रभु के धर्म परिवार का अंग थीं | त्रतीय आरक की समा्प्ति में जब तीन वर्ष और साढे आठ मास शेष थे , तब माघ क्रष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान रिषभदेव ने दस हजार श्रमणों के साथ अष्टापद ( कैलाश ) पर्वत से निर्वाण प्राप्त किया |
- भगवान रिषभदेव के रिषभ आदि चौरासी गणधर थे | चौरासी हजार श्रमण , ब्राह्मी-सुन्दरी आदि साढे तीन लाख श्रामणियां , श्रेयांस आदि साढे तीन लाख श्रावक एवं सुभद्रा आदि पांच लाख चौपन हजार श्राविकाएं प्रभु के धर्म परिवार का अंग थीं | त्रतीय आरक की समा्प्ति में जब तीन वर्ष और साढे आठ मास शेष थे , तब माघ क्रष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान रिषभदेव ने दस हजार श्रमणों के साथ अष्टापद ( कैलाश ) पर्वत से निर्वाण प्राप्त किया |
- युवावस्था में यौगलिक परम्परानुसार रिषभदेव का विवाह सहजाता सुमंगला नामक कन्या से हुआ | सुनन्दा नामक एक अन्य कन्या से भी उनका विवाह हुआ | कालक्रम से सुमंगला ने भरत और ब्राह्मी को तथा सुनन्दा ने बाहुबली आदि ९ ८ पुत्रों और सुन्दरी नामक पुत्री को जन्म दिया | नगर -निर्माण और रज्य -व्यवस्था का सुत्रपात रिषभदेव ने किया | जनता की प्रार्थना पर वही सर्वप्रथम राजा भी बने | कर्मयुग के प्रवर्तन मे रिषभदेव ने भरत , बाहुबली , ब्राह्मी , सुन्दरी आदि अपने पुत्र -पुत्रियों का सहयोग लिया और उनको विभिन्न दायित्व सौंपे |
- युवावस्था में यौगलिक परम्परानुसार रिषभदेव का विवाह सहजाता सुमंगला नामक कन्या से हुआ | सुनन्दा नामक एक अन्य कन्या से भी उनका विवाह हुआ | कालक्रम से सुमंगला ने भरत और ब्राह्मी को तथा सुनन्दा ने बाहुबली आदि ९ ८ पुत्रों और सुन्दरी नामक पुत्री को जन्म दिया | नगर -निर्माण और रज्य -व्यवस्था का सुत्रपात रिषभदेव ने किया | जनता की प्रार्थना पर वही सर्वप्रथम राजा भी बने | कर्मयुग के प्रवर्तन मे रिषभदेव ने भरत , बाहुबली , ब्राह्मी , सुन्दरी आदि अपने पुत्र -पुत्रियों का सहयोग लिया और उनको विभिन्न दायित्व सौंपे |
- युवावस्था में यौगलिक परम्परानुसार रिषभदेव का विवाह सहजाता सुमंगला नामक कन्या से हुआ | सुनन्दा नामक एक अन्य कन्या से भी उनका विवाह हुआ | कालक्रम से सुमंगला ने भरत और ब्राह्मी को तथा सुनन्दा ने बाहुबली आदि ९ ८ पुत्रों और सुन्दरी नामक पुत्री को जन्म दिया | नगर -निर्माण और रज्य -व्यवस्था का सुत्रपात रिषभदेव ने किया | जनता की प्रार्थना पर वही सर्वप्रथम राजा भी बने | कर्मयुग के प्रवर्तन मे रिषभदेव ने भरत , बाहुबली , ब्राह्मी , सुन्दरी आदि अपने पुत्र -पुत्रियों का सहयोग लिया और उनको विभिन्न दायित्व सौंपे |