याम्य meaning in Hindi
[ yaamey ] sound:
याम्य sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- एक पेड़ जिसके हीर की लकड़ी सुगंधित होती है:"दक्षिण भारत में चंदन के जंगल पाये जाते हैं"
synonyms:चंदन, चन्दन, गंधराज, मलयज, संदल, महागंध, श्रीवास, श्रीवासक, सित, मालय, सर्पप्रिय, सर्पेष्ट - एक पेड़ की सुगंधित लकड़ी जिसे घिसकर शरीर पर लेप लगाते हैं:"चंदन शरीर को शीतलता प्रदान करता है"
synonyms:चंदन, चन्दन, गंधराज, मलयज, संदल, महागंध, श्रीवास, श्रीवासक, दारुसार, सित, मालय, सर्पेष्ट, सारंग - यम का दूत:"कहा जाता है कि प्राणियों के प्राण हरण करने के लिए यमदूत आते हैं"
synonyms:यमदूत, यमदूतक - एक ऋषि जो मित्रावरुण के पुत्र थे:"एक कथा के अनुसार एकबार अगस्त्य जी समुद्र को पी गए थे"
synonyms:अगस्त्य, अगस्ति, पीताब्धि, मैत्रावरुण, मैत्रावरुणि, कुटज, कुंभसंभव, कुम्भसम्भव, सिंधुपिब, सिन्धुपिब
Examples
More: Next- इस पद्धति में प्रथम तीन नाçडयां याम्य नाडी कहलाती हैं।
- इसे याम्य अयन भी कहते हैं।
- इस पद्धति में प्रथम तीन नाçडयां याम्य नाडी कहलाती हैं।
- अंत में कपोल ने मृत्यु से याम्य नामक अस्त्र और उलूक ने अग्निदेव को प्रसन्न कर आग्नेय नामक अस्त्र प्राप्त किए।
- ( पर्यायवाची - अगस्त, अगस्ति, अगस्ती, अग्निमारूति, और्वशेय, कलशिसुत, कुम्भज, कुंभजात, कुम्भयोनि, कुम्भसंभव, कूटज, घटज, घटयोनि, घटसंभव, घटोद्भव, पीताब्धि, मैत्रावरूण, याम्य, विंध्यकूट, समुद्रचुलुक, सिन्धुशासनि।)
- इनमें आठ प्रकार के व्याकरण ये हैं - ब्रह्म , ऐन्द्र , याम्य , रौद्र , वायव्य , वारुण , सावित्र्य तथा वैष्णव।
- इनमें आठ प्रकार के व्याकरण ये हैं - ब्रह्म , ऐन्द्र , याम्य , रौद्र , वायव्य , वारुण , सावित्र्य तथा वैष्णव।
- इनके नाम । याम्य । सौरिपुर । नगेन्द्रभवन । गन्धर्वपुर । शैलागम । क्रौंच । क्रूरपुर । विचित्रभवन । ब्रह्मपद । दुखद । नानाक्रन्दपुर । सुतप्तभवन । रौद्र । पयोवर्षण । शीताढय ।
- अगस्त्य ( पर्यायवाची - अगस्त , अगस्ति , अगस्ती , अग्निमारूति , और्वशेय , कलशिसुत , कुम्भज , कुंभजात , कुम्भयोनि , कुम्भसंभव , कूटज , घटज , घटयोनि , घटसंभव , घटोद्भव , पीताब्धि , मैत्रावरूण , याम्य , विंध्यकूट , समुद्रचुलुक , सिन्धुशासनि।
- अगस्त्य ( पर्यायवाची - अगस्त , अगस्ति , अगस्ती , अग्निमारूति , और्वशेय , कलशिसुत , कुम्भज , कुंभजात , कुम्भयोनि , कुम्भसंभव , कूटज , घटज , घटयोनि , घटसंभव , घटोद्भव , पीताब्धि , मैत्रावरूण , याम्य , विंध्यकूट , समुद्रचुलुक , सिन्धुशासनि।