महाक्रोध meaning in Hindi
[ mhaakerodh ] sound:
महाक्रोध sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता:"शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलित है"
synonyms:शंकर, शिव, शङ्कर, महादेव, आशुतोष, कैलाश नाथ, त्रिपुरारी, त्रिपुरारि, भोलेनाथ, विश्वनाथ, महेश, भोला, भोलानाथ, पिनाकी, जटाधारी, हर, पिनाकपाणि, देवेश्वर, अनंगरि, अनर्थनाशी, अन्नपति, शंभु, शम्भु, रुद्र, त्र्यक्ष, त्र्यंबक, त्र्यम्बक, सुप्रतीक, गिरिनाथ, भगाली, सतीश, अबलाबल, अब्जवाहन, विद्वत्, राकेश, जटामाली, महार्णव, वीरेश, वीरेश्वर, शारंगपाणि, शारंगपानि, नागी, अंड, अण्ड, अंधकारि, अंबरीष, अक्षमाली, अघोरनाथ, अनंगारि, सर्पमाली, अयोनिज, अयोनि, अरिंदम, अर्घेश्वर, अहिमाली, इंदुशेखर, इन्दुशेखर, उग्रधन्वा, उमाकान्त, उमाकांत, उमेश, कपालपाणि, कपाली, कामारि, कालेश, काशीनाथ, कैलाशनाथ, गंगाधर, गिरीश, गौरीश, चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर, तारकेश्वर, त्रिपुरांतक, नंदिकेश्वर, नन्दिकेश्वर, नीलग्रीव, परंजय, भवेश, भूतनाथ, भूतेश, भुवनेश, मंगलेश, महेश्वर, मृत्युंजय, योगीश, विरुपाक्ष, विरोचन, वृषभकेतु, अम्बरीष, वैद्यनाथ, व्योमकेश, पंचानन, शशिधर, नदीधर, भूतचारी, त्रिनेत्र, शशिभूषण, वसुप्रद, बीजवाहन, नपराजित, सवर, भव, पंचमुख, पञ्चमुख, पशुपति, पश, पादभुज, भालचंद्र, भालचन्द्र, वरेश्वर, पार्श्ववक्त्र, धूम्र, विभु, ययातीश्वर, ययी, यमेश्वर, कील, योगीनाथ, अक्षतवीर्य, दुष्काल, सर्व, कुंड, कुण्ड, नाभ, अपराधभंजन, संवत्सर, सुहृद, शिखंडी, शिखण्डी, जगद्योनि, देवाधिदेव, सद्य, पुद्गल, फाल, अमृतवपु, अमोघदंड, अमोघदण्ड, अस्थिमाली
Examples
More: Next- हत्या के लिए महाक्रोध इकट्ठा होना चाहिए।
- आज्ञा पर लक्ष्मण के महाक्रोध का वर्णन किया है।
- भगवान बुद्ध महाक्रोध समाधि के द्वारा उस नरक का अंत करते हैं इसलिए वे यमांतकृत् है।
- “हरामजादे , तुझे डराने के लिए और कोई जगह नहीं मिली?” फूफाजी ने महाक्रोध से हुक्म दिया, “साले को कान पकड़कर लाओ।”
- “हरामजादे , तुझे डराने के लिए और कोई जगह नहीं मिली?” फूफाजी ने महाक्रोध से हुक्म दिया, “साले को कान पकड़कर लाओ।”
- और झगङते हुये महाक्रोध से बोला - हे योगजीत ! आप यहाँ कैसे आये हो ? क्या आप मुझे मारने आये हो ।
- मंगलाचरण : ओ सरस्वती (म्यूज), एकिलेस के उस महाक्रोध का वर्णन करो जिस महाक्रोध के कारण एवं देवराज की इच्छानुसार, अनेक ग्रीकों को व्यथा भोगनी पड़ी, अनेक शूरमाओं को अपने सुन्दर शरीर कुत्तों और चील-कौवों के महोत्सव के लिए छोड़कर मृत्युलोक जाना पड़ा।
- मंगलाचरण : ओ सरस्वती (म्यूज), एकिलेस के उस महाक्रोध का वर्णन करो जिस महाक्रोध के कारण एवं देवराज की इच्छानुसार, अनेक ग्रीकों को व्यथा भोगनी पड़ी, अनेक शूरमाओं को अपने सुन्दर शरीर कुत्तों और चील-कौवों के महोत्सव के लिए छोड़कर मृत्युलोक जाना पड़ा।