बेक़दरी meaning in Hindi
[ bekederi ] sound:
बेक़दरी sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- / ससुराल में उसकी बड़ी भद्द हुई"
synonyms:अपमान, अनादर, बेइज्जती, बे-इज्जती, निरादर, तिरस्कार, असत्कार, असम्मान, तौहीन, तोहीनी, जिल्लत, ज़िल्लत, फ़ज़ीअत, फ़ज़ीहत, फजीअत, फजीहत, अवमान, अवमानना, अवमानन, मानध्वंस, मानभंग, पराभव, बेकदरी, भद्द, हिक़ारत, हक़ारत, हिकारत, हकारत, हेठी, अधिक्षेप, अपकर्ष, अपचार, अपध्वंस, बेक़द्री, बेकद्री, अपहेला, अपूजा, अप्रतिष्ठा, अभिभव, अमर्यादा, अमानना, अमानत, व्यतीपात, अलीक, अल्पीकरण, अवगणन, अवग्रहण, अवज्ञा, तिरस्क्रिया, अवधीरणा, अवमति, अवलीला, अवहेल, अवहेलन, अवहेलना, अवहेला, अवाङ्ज्ञान, गंजन, गञ्जन, विमानना, परिभाव, परीभाव, उपक्रोश - / उपेक्षा के कारण अच्छी वस्तुएँ भी अधिक दिनों तक नहीं टिकती"
synonyms:उपेक्षा, बेक़द्री, बेकदरी, बेकद्री, नज़र-अंदाज़ी, नजर-अंदाजी, नज़र-अन्दाज़ी, नजर-अन्दाजी, नजर अंदाजी, नजर अंदाज़ी, नजर अन्दाजी, नज़र अन्दाज़ी, नजरंदाजी, नज़रंदाज़ी, नजरन्दाजी, नज़रन्दाज़ी, हिक़ारत, हिकारत, हक़ारत, हकारत, लंघना, लङ्घना, निष्कृति
Examples
More: Next- इस बेक़दरी तक पहुँची कि जब
- ‘ ज़ौक़ ' को यह बेक़दरी बहुत बुरी मालूम होती थी।
- वह कहता है , “ कविते ! यह बेक़दरी का ज़माना है .
- पहला ग़म है ज़माने में अपनी बेक़दरी और अपनी तुच्छ हैसियत का अहसा स .
- रास्ते में एक मुर्दा बकरी देखी फ़रमाया देखते हो इसके मालिकों ने इसे बहुत बेक़दरी से फ़ैंक दिया .
- शायेद मेरे यह विचार ही मेरे पहले ग़म , यानी ज़माने के हाथों मेरी बेक़दरी और मेरी तुच्छ हैसियत की असली वजहें हों .
- लेकिन देखिये , मैं यह बात साफ़ कर देना चाहता हूँ कि मैं अपनी बेक़दरी के लिए ज़माने को ज़िम्मेदार नहीं ठहराता , जैसा कि मिर्ज़ा ग़ालिब किया करते थे .
- इसमें दोबारा ज़िन्दा किये जाने का इन्कार करने वालों का रद है और ऊपर जो “ सब को हमारी तरफ़ फिरना है ” और “ इसकी कोशिश बेक़दरी नहीं ” फ़रमाया गया , उसकी ताकीद है .
- शुरुआत में तो मांसाहारियों ने बराबर का मोर्चा खोला पर जैसे - जैसे मजमे में शाकाहारियों की संख्यावृद्धि होती गई , उनकी प्रतिरोधक क्षमता घटते - घटते इस बेक़दरी तक पहुँची कि जब शांति ने मजमे में प्रवेश किया तो मिसेज़ महामाया घोषाल शाकाहारियों के दल में बल बनकर शामिल थीं - मत्स्यलोभी बंगाली होने पर भी।
- तो जो कुछ भले काम करे और हो ईमान वाला तो उसकी कोशिश की बेक़दरी नहीं , और हम उसे लिख रहे हैं { 94 } और हराम है उस बस्ती पर जिसे हमने हलाक किया कि फिर लौट कर आएं ( 1 ) { 95 } ( 1 ) दुनिया की तरफ़ , कर्मों के प्रायश्चित और हाल को बदलने के लिये , यानी इसलिये कि उनका वापस आना असंभव है .