नक्षत्रेश meaning in Hindi
[ neksetresh ] sound:
नक्षत्रेश sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- सफेद रंग का एक सुगन्धित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है:"उसने आरती करने के लिए कपूर जलाया"
synonyms:कपूर, कर्पूर, रेणुसार, मिहिका, इंदु, इन्दु, हिमांशु, अब्ज, शशांक, निशारत्न, काफूर, क़ाफूर, शीतकर, सुधांशु, अमल, अमलदीप्ति, निशाधीश, निशानाथ, निशिनाथ, श्वेतधामा, निशामणि, तुहिनाश्रु, सोमसंज्ञ, वेरक, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, चंद्रप्रभा, चन्द्रप्रभा, शीतांशु, शीतरश्मि, शीतप्रभ, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, चंद्रभस्म, चन्द्रभस्म, जैवातृक, शशाङ्क, जलमसि, शशधर, घनरस, घनसार, शशभृत, तुषारगौर, शीताभ, शीतमयूख, शीतमरीचि, प्रालेयांशु, निशापति, विधु, ताराभ्र - हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता:"चंद्रदेव को औषधियों का स्वामी कहा गया है"
synonyms:चंद्रदेव, चन्द्रदेव, चंद्रमा, शशांक, इंदु, इन्दु, मयंक, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, चंद्र, हिमवान्, हिमांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, श्रीसहोदर, सोमराज, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, तुंगीपति, तुंगीश, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, सिंधुपुत्र, सिन्धुपुत्र, नक्षत्रनाथ, त्रिनेत्रचूड़ामणि, ताराधिप, ताराधीस, तारेश, परिजन्मा, शशाङ्क, शशलक्षण, शशलांछन, शशलाञ्छन, शशमौलि, शशधर, कुरंग-लांछन, कुरंगलांछन, अभिरूप, अभिरूपक, शशभृत, तारकेश, ताराधीश, तारानाथ, म, विधु, तारापीड़
Examples
More: Next- नक्षत्र - रूपा नक्षत्रा , नक्षत्रेश प्रपूजिता |
- नक्षत्र - रूपा नक्षत्रा , नक्षत्रेश प्रपूजिता |
- नक्षत्रेश - प्रिया नित्या , नक्षत्र - पति - वन्दिता ||
- किन्तु यदि नक्षत्रेश सूर्य एवं राहू से सम्बन्ध बनाए तो कोई रत्न कामयाब नहीं हो सकता है .
- इसलिए छठे भाव का वक्री उप नक्षत्रेश प्रतिस्पर्धा के कार्यों के लिए शुभ होता है , जहां विपक्षी से मुकाबला हो।
- इसलिए छठे भाव का वक्री उप नक्षत्रेश प्रतिस्पर्धा के कार्यों के लिए शुभ होता है , जहां विपक्षी से मुकाबला हो।
- सूर्य , जो नक्षत्रेश है , के साथ राहु के होने तथा सूर्य के अशुभ स्थान में होने से ऐसा होता है।
- यह भी मान्यता है कि लग्नेश , जन्मराशीश तथा नक्षत्रेश के रत्न धारण करने से रोग निरोधक क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
- चंद्र की स्थिति-कन्या राशि में 29 अंश 13 कला 16 विकला पर चंद्र स्थित था , अतः चंद्र लग्नेश बुध और चंद्र नक्षत्रेश मंगल हुआ।
- 5-यदि छठे भाव का उप नक्षत्रेश वक्री हो तो यह विपक्षी को बुरा होता है , क्योंकि तब यह विपक्षी के लिए बारहवां स्थान होता है।