गजपीपल meaning in Hindi
[ gajepipel ] sound:
गजपीपल sentence in Hindi
Meaning
संज्ञाExamples
More: Next- नाम - सं - गजपीपली , हिं - गजपीपल ,बं - गजपि
- असंगध नागौरी , गजपीपल और बच आदि को बराबर लेकर पीसकर चूर्ण बना लें , फिर मक्खन के साथ मिलाकर स्तनों पर लगायें।
- असंगध नागौरी , गजपीपल और बच आदि को बराबर लेकर पीसकर चूर्ण बना लें , फिर मक्खन के साथ मिलाकर स्तनों पर लगायें।
- गजपीपल का फांट ( गर्म पानी में गजपीपल का चूर्ण मिलाकर छाना गया रस ) 7 मिलीलीटर से 21 मिलीलीटर तक सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- गजपीपल का फांट ( गर्म पानी में गजपीपल का चूर्ण मिलाकर छाना गया रस ) 7 मिलीलीटर से 21 मिलीलीटर तक सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- इसमें पड़ने वाला मसाला , दालचीनी , चीता , गजपीपल , वायविडंग 1 - 1 कर्ष और और 2 - 2 कर्ष सुपारी , मुलहठी , लोघ और मोथा लेकर आसव में मिलाया जाता था।
- इसमें पड़ने वाला मसाला , दालचीनी , चीता , गजपीपल , वायविडंग 1 - 1 कर्ष और और 2 - 2 कर्ष सुपारी , मुलहठी , लोघ और मोथा लेकर आसव में मिलाया जाता था।
- जैसे रास्ना , गोखरू , चित्रकमूल , हरसिंगार , सुरजान ( Colchicum Luteum ) , अशगंध ( Withania Somnifera ) , चव्य , इन्द्रजव , पाठा , वायविडंग , गजपीपल , कुटकी , अतीस , भारंगी मूल , मूर्वा , वच एवं गिलोय।
- जैसे रास्ना , गोखरू , चित्रकमूल , हरसिंगार , सुरजान ( Colchicum Luteum ) , अशगंध ( Withania Somnifera ) , चव्य , इन्द्रजव , पाठा , वायविडंग , गजपीपल , कुटकी , अतीस , भारंगी मूल , मूर्वा , वच एवं गिलोय।
- पुनर्नवासव : पुनर्नवा, सोंठ, पीपल, काली मिर्च, हरड़, बहेड़ा, आँवला, दारुहल्दी, गोखरू, छोटी कटेली, बड़ी कटेली, अडूसे के पत्ते, एरण्ड की जड़, कुटकी, गजपीपल, नीम की अंतरछाल, गिलोय, सूखी मूली, धमासा, पटोलपत्र ये 20 द्रव्य 10-10 ग्राम, धाय के फूल 150 ग्राम, मुनक्का 200 ग्राम, मिश्री एक किलो और शहद आधा किलो लें।