एहसानमंदी meaning in Hindi
[ ehesaanemnedi ] sound:
एहसानमंदी sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- कृतज्ञ होने की अवस्था या भाव:"संकट के समय जिस-जिसने राम की मदद की उन सबके प्रति उसने कृतज्ञता प्रकट की"
synonyms:कृतज्ञता, आभार, शुक्रग़ुज़ारी, शुक्रगुजारी, शुक्र
Examples
More: Next- एहसानमंदी जताने वाले भाव , गीत तो नहीं हो सकते।
- बस यह मोमिना के गले में बाँहे डालकर माँ-माँ पुकारता और अपनी खाली आँखों से उसके चहरे पर मुहब्बत और एहसानमंदी की बारिश करता।
- अपने अस्तित्व और बाहर की दुनिया पर जब हम नज़र ड़ालते हैं तो दो बहुत तीव्र और गहरे भाव हमारे अंदर उमड़ते हैं - पहला , धन्यवाद , कृतज्ञता और एहसानमंदी (
- अपने अस्तित्व और बाहर की दुनिया पर जब हम नज़र ड़ालते हैं तो दो बहुत तीव्र और गहरे भाव हमारे अंदर उमड़ते हैं - पहला , धन्यवाद , कृतज्ञता और एहसानमंदी ( gratefulness ) का।
- हम एहसानमंदी व धन्यवाद की साक्षात प्रतिमा बनकर उस हस्ती को ढूंढ़ना चाहते हैं , जिसके सामने अपनी भक्ति और श्रद्धा के भाव प्रकट कर सकें , लेकिन ऐसी कोई हस्ती हमें दिखाई नहीं देती।
- हम एहसानमंदी व धन्यवाद की साक्षात प्रतिमा बनकर उस हस्ती को ढूंढ़ना चाहते हैं , जिसके सामने अपनी भक्ति और श्रद्धा के भाव प्रकट कर सकें , लेकिन ऐसी कोई हस्ती हमें दिखाई नहीं देती।
- मैं उनके एहसानमंदी से अभिभूत थी जब मुझे पहली बार अकाल प्रभावित गाांव में ‘ सार्वजनिक भोज कक्ष ' खोलने का सौभाग्य मिला . गांव था येकातेरिनोव्का . वहां भयानकरूप से टायफाइड महामारी फैली थी .
- बहुत से थप्पड़ खाकर सीख लेगा शुक्रगुज़ारी धीमे धीमे पढ़ेगा खाता रोटी और कपड़े का एहसानमंदी बनायेगी इसे सभ्य विस्मृति बन कर देह छा जायेगी आत्मा पर गिरेगा बार बार पर सीख लेगा अपना आइटम परिवार के शामियाने में चलायेगा एक पहिये की साइकिल।
- बहुत से थप्पड़ खाकर सीख लेगा शुक्रगुज़ारी धीमे धीमे पढ़ेगा खाता रोटी और कपड़े का एहसानमंदी बनायेगी इसे सभ्य विस्मृति बन कर देह छा जायेगी आत्मा पर गिरेगा बार बार पर सीख लेगा अपना आइटम परिवार के शामियाने में चलायेगा एक पहिये की साइकिल।
- मगर कंवल साहब ऐसा इशारा करने वाले नहीं थे और राजेन्द्र कुमार अपनी ओर से कुछ करने में इसीलिये संकोच करते रहे कि ऐसा करने से कहीं दोस्त की ' खुददारी “ को ठेस न पहुंच जाये : -खुदी मेरी नहीं कायल किसी एहसानमंदी कीमेरे खून-ए-जिगर से मेरा अफ़साना लिखा जाये ' कंवल साहब ” से , पहली बार मेरी मुलाकात , एक अदबी नशिस्त के दौरान हुई।