ऋणत्रय meaning in Hindi
[ rinetrey ] sound:
ऋणत्रय sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- हिंदू धर्म की एक संकल्पना जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में तीन ऋणों से मुक्त होना ही पड़ता है:"देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण इन्हें ऋणत्रय कहा जाता हैं"
Examples
More: Next- ऋणत्रय के विचार का भी उल्लेख मिलता है।
- ऋणत्रय के विचार का भी उल्लेख मिलता है।
- ऋणत्रय के विचार का भी उल्लेख मिलता है।
- ्मचारी के लिये भी चतुर्थाश्रमका विधान करते हुए आचार्य कहते हैं कि उसके विषय में यह शंका नहीं की जा सकती कि उसे ऋणत्रय की निवृत्ति किये बिना संन्यास का अधिकार नहीं हैं;
- ब्रह्मजिज्ञासु ब्रह्मचारी के लिये भी चतुर्थाश्रमका विधान करते हुए आचार्य कहते हैं कि उसके विषय में यह शंका नहीं की जा सकती कि उसे ऋणत्रय की निवृत्ति किये बिना संन्यास का अधिकार नहीं हैं;
- ऋण मोचन गणपतिः- कोई पुराना ऋण , जिसे चुकता करने की स्थिति में न हों, घर-परिवार में दरिद्रता, ऋण का तांडव हो, ऐसे व्यक्तियों को ऋण मोचन गणपति, ऋणत्रय विमोचनाय नमः जैसे मंत्र से उत्कीर्ण कराकर घर में लगाना चाहिए तथा उसकी नियमित रूप से विधि-विधानपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
- ब्रह्मजिज्ञासु ब्रह्मचारी के लिये भी चतुर्थाश्रमका विधान करते हुए आचार्य कहते हैं कि उसके विषय में यह शंका नहीं की जा सकती कि उसे ऋणत्रय की निवृत्ति किये बिना संन्यास का अधिकार नहीं हैं ; क्योंकि गृहस्थाश्रमको स्वीकार करने से पूर्व तो उसका ऋणी होना ही सम्भव नहीं है।