उदधि meaning in Hindi
[ udedhi ] sound:
उदधि sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है:"आकाश में काले-काले बादल छाये हुए हैं"
synonyms:बादल, मेघ, घन, अंबर, जलद, नीरद, जलधर, पयोधर, अम्बर, अंबुधर, अम्बुधर, अंभोधर, अम्भोधर, मेघा, मेह, नाग, अंबुद, अम्बुद, वारिद, वारिधर, धाराधर, तड़िद्गर्भ, तड़ित्वान्, तड़ित्वत, तड़ित्पति, सेंचक, सेचक, पाथोधर, अब्द, धाराट, अब्र, अभ्र, नदनु, मतंग, दात्यूह, वर्षकर, भव, रैवत, पाथोद, पाथोदर, तोयद, तोयधर, तोयधार, मतंगज, तोयमुच, रजलवाह, वातध्वज, श्वेतनील, श्वेतमाल, वृष्णि, शारद, पयोद, पयोजन्मा, नभधुज, नभध्वज, नभश्चर, नभोगज, नभोद्वीप, नभोधूम, नभोध्वज, नभोदुह, मेचक, वर्षाबीज, सत्रि, अर्णोद, अर्बुद, ध्वसनि, जलवाह, जलमसि, वातरथ, शक्रवाहन, चातकनन्दन, चातकनंदन, अश्म, महानाद, वलाहक, नीलभ, तोक्म, वर्षुकानंद, वर्षुकानन्द, वर्षुकांबुज, वर्षुकाम्बुज, धारावर, इंद्र, इन्द्र, धूमयोनि, विहंग, सुदामा, सुदाम, सुदामन - खारे पानी की वह विशाल राशि जो चारों ओर से पृथ्वी के स्थल भाग से घिरी हुई हो:"समुद्र रत्नों की खान है"
synonyms:समुद्र, सागर, सिंधु, सिन्धु, अंबुधि, अम्बुधि, पयोधि, तोयनिधि, पयोनिधि, वारिधि, जलधि, जलनिधि, अब्धि, समुन्दर, समुंदर, समन्दर, समंदर, रत्नाकर, तिमिकोश, वारिनिधि, अपांनाथ, अपांनिधि, अपांपति, जलपति, वारींद्र, वारीन्द्र, वारिराशि, वारीश, पाथोधि, मगरधर, अबिंधन, अबिन्धन, नदीश, नदीपति, नदीकांत, नदीकान्त, नदराज, नदीन, तोयधि, नदीभल्लातक, झषनिकेत, तोयराज, तोयराशि, पाथोनिधि, अमीनिधि, पाथि, शुद्धोद, पयोधर, तीवर, तरंत, तरन्त, जलेश, जलेश्वर, अर्णव, अवधिमान, अवारपार, रत्नगर्भ, लक्ष्मी-तात, तोयालय, अविष, परांगव, मकरांक, मकरध्वज, मकरालय, मकरावास, यादईश, पाथनाथ, पाथनिधि, वरुणालय, वरुणवास, अधिरथी, यादःपति, वरुणोद, सलिलपति, सलिलराज, सुदामा, सुदाम, सुदामन
Examples
More: Next- राम बाँधि उतरे उदधि लाँघि गए हनुमान ॥
- घन संग खारौ उदधि मिलि बरसै मीठो तोय॥
- नाचती हैं रक्त में उदधि की लोल लहरें
- उदधि बड़ाई कौन है , जगत पियासो जाय ।।
- उदधि कृतार्थ हो रहा तेरे चरणों को धो-धोकर
- भरा उदधि हुआ मधु विस्फोट फूटी कविता ।
- सुनहरी पूरब क्षितीज है पश्चिम में नीला उदधि
- उदधि हिलक-हिलक कर रो रहा है .
- जलनिधि , नीरनिधि, उदधि, पयोधि, नदीश, तोयनिधि, कम्पती, वारीश, अर्णव
- संधानेउ प्रभु बिसिख कराला।उठी उदधि उर अंतर ज्वाला ।।