अभिवृद्ध meaning in Hindi
[ abhiveridedh ] sound:
अभिवृद्ध sentence in Hindi
Meaning
विशेषण- जिसका विस्तार हुआ हो या किया गया हो:"उसने मुझे विस्तारित कार्यक्रमों की सूची थमाई"
synonyms:विस्तारित
Examples
More: Next- आता हुआ पानी मानस के जल में अभिवृद्ध कर रहा है।
- गर्मी पौधे सूखते हैं वहां संक्रामक रोगों की अभिवृद्ध होती है।
- गर्मी पौधे सूखते हैं वहां संक्रामक रोगों की अभिवृद्ध होती है।
- कई पर्वतों की ढलानों से बहकर आता हुआ पानी मानस के जल में अभिवृद्ध कर रहा है।
- श्रौतयागों के सन्दर्भ में भी , जनमानस में , विशेष रूप से प्रबृद्ध वर्ग में , इसी प्रकार का आकर्षण शनैःशनैः उत्तरोत्तर अभिवृद्ध हुआ।
- इन लिनक्स को देखें , परिप्रेक्ष्य बहुत स्पष्ट हो जायेगा -हर हिन्दू कर्मकांडों के पीछे हाथ धोकर पड़ने के पहले अपने ज्ञान को अभिवृद्ध करना जरुरी है नहीं तो विचार एकांगी रह जायेगे - http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_18.html http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_19.html http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.html
- फैलिक वरशिप पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में विद्यमान है हमारे यहाँ इसे एक संस्कारित भव्य धार्मिक स्वरुप दे दिया है बस . .....इन लिनक्स को देखें ,परिप्रेक्ष्य बहुत स्पष्ट हो जायेगा -हर हिन्दू कर्मकांडों के पीछे हाथ धोकर पड़ने के पहले अपने ज्ञान को अभिवृद्ध करना जरुरी है नहीं तो विचार एकांगी रह जायेगे - http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_18.html http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_19.html http://mishraarvind.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.html
- स्वतः देखकर ज्ञानार्जन होता ही है , और शहरों की तरफ पलायन इस कारण भी है , कि गाँवों का परिदृश्य सीमित होता है , वहीं शहरों का फलक विस्तृ त.ज ानकारियों के स्रोत भी अधि क.ब ाकि ज्ञान संग्रह करना महत्वपूर्ण नहीं है महत्व इस बात का है कि कैसे रूचियाँ स्थापित की जाय , उन्हें कल्याणकारी दिशा दी जाय और अभिवृद्ध की जा य.
- क्षेत्रस्थ समवाय की दृष्टि यह है कि जिस प्रकार बेकार पड़ी हुई पूंजी संकट का कारण होती है और व्यापार में सम्यक् रूप से प्रयुक्त होने वाली पूंजी निर्वाह का साधन बर कर अभिवृद्ध होती है उसी प्रकार प्राप्त ज्ञान को दिमाग के कोठे में उस प्रकार नहीं भरना चाहिए जिस प्रकार राख मिला कर भविष्य के लिये अन्न भरा जाता है बल्कि ज्ञानांग का उपयोग कर्मांग में होना चाहिए ताकि वह सार्थक तथा अभिवृद्ध हो।
- क्षेत्रस्थ समवाय की दृष्टि यह है कि जिस प्रकार बेकार पड़ी हुई पूंजी संकट का कारण होती है और व्यापार में सम्यक् रूप से प्रयुक्त होने वाली पूंजी निर्वाह का साधन बर कर अभिवृद्ध होती है उसी प्रकार प्राप्त ज्ञान को दिमाग के कोठे में उस प्रकार नहीं भरना चाहिए जिस प्रकार राख मिला कर भविष्य के लिये अन्न भरा जाता है बल्कि ज्ञानांग का उपयोग कर्मांग में होना चाहिए ताकि वह सार्थक तथा अभिवृद्ध हो।