अबिरल meaning in Hindi
[ abirel ] sound:
अबिरल sentence in Hindi
Meaning
विशेषणExamples
More: Next- अगम अगोचर अबिरल वासी अकथनीय अद्वैत अरामा ।
- अगम अगोचर अबिरल वासी अकथनीय अद्वैत अरामा ।
- वे निर्जन से ही ले जाते थे धनवानो के बीच , खोई-खोई अबिरल लट जनमानस रही समेट।
- यूपीए अध्यक्ष सोनिया गंाधी के सुझाव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया फिर उसकी अबिरल
- आइये इस मोक्षदायिनी , पाप नाशिनी , भारतीय संस्कृति के स्वरुप को अबिरल प्रवाहित कर हमें संस्कार , समृद्धि से युक्त करने तथा सुसंस्कृत करने वाली इस ममता मई माता के दुःख को भी समझे गंगाजी को बचाए जिससे हमारी संस्कृति भी बचेगी .
- नदी और झरनों का जल भी बिना कोई बुद्धि लगाये ही अनवरत अबिरल गति से कर्ण प्रिय स्वरों में गुनगुनाता हुआ अपनी मंजिल की ओर बढ़ता रहा किन्तु वह अज्ञानी दिव्य ज्योति के प्रथम दर्षन की आष लगाये भोर तक बैठा रहा और पौ फटने के साथ ही वह अपने मित्रों पर नेत्रों से ज्वाला बरसाते हुए फट पड़ा।
- नदी और झरनों का जल भी बिना कोई बुद्धि लगाये ही अनवरत अबिरल गति से कर्ण प्रिय स्वरों में गुनगुनाता हुआ अपनी मंजिल की ओर बढ़ता रहा किन्तु वह अज्ञानी दिव्य ज्योति के प्रथम दर्षन की आष लगाये भोर तक बैठा रहा और पौ फटने के साथ ही वह अपने मित्रों पर नेत्रों से ज्वाला बरसाते हुए फट पड़ा।
- जिधर देंखें उधर ही हरियाली ही हरियाली ! छोटे - छोटे पौधे और उनके बीच नारियल का पेड़ सिर उठाये जैसे कह रहा हो - मै आप के स्वागत और संस्कृति को सदैव बनाये रखने की लिए अबिरल तैयार खड़ा हूँ ! इजाजत दें ! जी हाँ -केरला राज्य को प्रकृति ने उपहार स्वरुर अति मनोरम सुन्दरता से सजाया है !
- ' अनदेखा ' प्रकृति की ये एक रचना अनोखी है इसके बिन जीवन की कल्पना अधूरी है अति से खत्म एक पल में सारी जिंदगानी पानी से ही जीवन की अबिरल कहानी है काट रहे हैं वृक्ष फिर भी उम्मीद करते है इंच-इंच के फेर में तोड़ रहे खुद की डाली अभी के खातिर कल को झुठला रहे हैं खुद को देखते रहे बहुतों की छीनकर दाना-पानी कितने मरहले हैं लेकिन सो रहे हैं बेच कर निशानी ..
- जो तोही भाव मन माहीं |१ | सुन प्रभु वचन अधिक अनुरागेउन | मन अनुमान करन तब लागेउ || प्रभु कह देन सकल सुख सही | भक्ति आपनी देन न कही |२ | भगति हीन गुन सब सुख ऐसे | लवण बिना बहु बिंजन जैसे || भजन हीन सुख कवने काजा | अस विचारि बोलेउन खगराजा |३ | जो प्रभु होई प्रसन्न वर देहु | मो पर करहूँ कृपा अरु नेहू || मन भावत वर मांगों स्वामी | तुम्ह उदार उर अंतरजामी |४ | अबिरल भक्ति विशुद्ध तब श्रुति पुराण